क्या कांग्रेस सत्ता में आई तो एसआईआर की सीबीआई जांच होगी?

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क्या कांग्रेस सत्ता में आई तो एसआईआर की सीबीआई जांच होगी?

सारांश

कांग्रेस के प्रवक्ता अभय दुबे ने चुनाव आयोग की मतदाता सूची की जांच पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई, तो एसआईआर की सीबीआई जांच होगी। जानें इस मामले में क्या कहा गया है और मतदाता सूची में क्या नई जानकारियाँ सामने आई हैं।

Key Takeaways

  • मतदाता सूची का गहन परीक्षण
  • सीबीआई जांच की संभावना
  • बिहार में राजनीतिक हलचल
  • नागरिकता सत्यापन अभियान
  • महिलाओं का अनुपात कम होना

पटना, 1 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अभय दुबे ने चुनाव आयोग द्वारा बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन परीक्षण की जांच करने का वादा किया है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग की एसआईआर की प्रक्रिया शुरू से ही संदिग्ध रही है। भविष्य में जब भी सरकार बदलेगी, तब इसकी सीबीआई जांच होगी और वोट चोरी का यह षड्यंत्र बेनक़ाब होगा।

उन्होंने कहा कि बिहार की अंतिम मतदाता सूची मंगलवार को प्रकाशित हुई, जिसमें कुल 7.42 करोड़ मतदाता दर्ज किए गए हैं। यह संख्या इस वर्ष 24 जून को दर्ज 7.89 करोड़ मतदाताओं की तुलना में लगभग छह प्रतिशत कम है। चुनाव आयोग ने राज्य में तीन महीने का विशेष गहन पुनरीक्षण शुरू करने की घोषणा की थी।

चुनाव आयोग और बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने अंतिम सूची के प्रकाशन में यह नहीं बताया कि मतदाता सूची से कितने लोगों के नाम हटाए गए, जबकि देश के प्रधानमंत्री और चुनाव आयोग ने बार-बार घुसपैठियों के लिए सूची के पुनरीक्षण की बात कही। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन में चुनाव आयोग ने बताया कि नाम काटे जाने के कारण मृत्यु, स्थायी पलायन और डुप्लीकेशन हैं। इससे चुनाव आयोग की उस दलील पर भी सवाल खड़े हो गए हैं, जिसमें उसने इस पुनरीक्षण को नागरिकता सत्यापन अभियान के रूप में भी पेश किया था।

कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग ने तर्क दिया था कि वह नागरिकता का सबूत मांगने के अधिकार क्षेत्र में है और मतदाता पर ही इसका भार डालना उचित है। लेकिन अंतिम नतीजों से यह स्पष्ट हुआ कि गैर-नागरिकों या विदेशियों की संख्या शून्य है, जिससे यह सवाल उठता है कि एसआईआर की कसौटी इतनी कठिन क्यों बनाई गई।

उन्होंने कहा कि इस पुनरीक्षण में 68.6 लाख लोगों के नाम हटाए गए। इनमें से 65 लाख नाम 1 अगस्त को प्रकाशित प्रारूप सूची में हटाए गए थे और 3.66 लाख नाम दावे और आपत्तियों की प्रक्रिया के दौरान निकाले गए। इसी दौरान 21.53 लाख नए मतदाता जोड़े गए। आयोग ने मतदाता सूची में पुरुष और महिला मतदाताओं की संख्या सार्वजनिक नहीं की, लेकिन इस सूची में प्रतीत होता है कि महिलाओं का अनुपात पुरुषों की तुलना में काफ़ी कम हो गया है। इस क्रम में उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग इस प्रक्रिया को पूरे देश में लागू करने की बात कह रहा है, तो उसे सभी विवरण देना चाहिए।

Point of View

जहाँ चुनाव आयोग की प्रक्रिया पर सवाल उठ रहे हैं।
NationPress
01/10/2025

Frequently Asked Questions

कांग्रेस ने किस मुद्दे पर चुनाव आयोग से जांच की मांग की है?
कांग्रेस ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन परीक्षण की जांच की मांग की है।
अभय दुबे ने मतदाता सूची में कितने नाम हटाए जाने की बात कही?
अभय दुबे ने बताया कि इस पुनरीक्षण में 68.6 लाख लोगों के नाम हटाए गए।
क्या कांग्रेस सत्ता में आई तो सीबीआई जांच होगी?
अभय दुबे का दावा है कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो एसआईआर की सीबीआई जांच होगी।