क्या डॉ. अल खैली ने बीएपीएस मंदिर का दौरा कर अंतर-धार्मिक सौहार्द को बढ़ावा दिया?

सारांश
Key Takeaways
- यूएई में अंतर-धार्मिक सौहार्द का महत्व।
- सांस्कृतिक समावेशिता को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय प्रयास।
- अंतर-धार्मिक संवाद को सशक्त बनाने का प्रयास।
- सामुदायिक एकजुटता का समर्थन।
- आस्था-आधारित संस्थाओं और सरकारी संस्थाओं के बीच सहयोग।
अबू धाबी, 4 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। यूएई की अंतर-धार्मिक सौहार्द और सांस्कृतिक समावेशिता के प्रति प्रतिबद्धता को और मजबूत करते हुए, सामुदायिक विकास विभाग (डीसीडी) के अध्यक्ष डॉ. मुगीर खमीस अल खैली ने वरिष्ठ अधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बीएपीएस हिंदू मंदिर का दौरा किया।
मंदिर के प्रमुख ब्रह्मविहारिदास ने गरिमामय ढंग से प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया और मंदिर के गहन भ्रमण के दौरान इस प्रेम, शांति एवं सद्भावना की परियोजना के समग्र दृष्टिकोण को साझा किया।
यह दौरा यूएई में लंबे समय से चल रहे शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व, अंतर-धार्मिक संवाद और सामाजिक-सांस्कृतिक विविधता के मूल्यों पर चर्चा के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बना, जो देश की वैश्विक छवि को सहिष्णुता के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत करता है।
दौरे के दौरान, स्वामी ब्रह्मविहारिदास ने महामहिम राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के अडिग समर्थन और दूरदर्शी नेतृत्व के लिए गहन कृतज्ञता व्यक्त की। उन्होंने मंदिर के आगामी विकास चरणों और विभिन्न समुदायों के बीच परस्पर सम्मान को सुदृढ़ करने में मंदिर की भूमिका पर प्रकाश डाला।
डॉ. अल खैली और उनकी टीम ने मंदिर को एकता का प्रतीक मानते हुए उन सराहनीय प्रयासों की प्रशंसा की, जो विभिन्न पृष्ठभूमियों के लोगों को साझा मानवीय मूल्यों का उत्सव मनाने के लिए एकत्र करते हैं।
डीसीडी का प्रतिनिधिमंडल सामुदायिक एकजुटता को प्रोत्साहित करने और यूएई के सहिष्णुता एवं समावेशिता के दृष्टिकोण को बढ़ाने में मंदिर के सकारात्मक योगदान को मान्यता दी।
यह दौरा बहुसांस्कृतिक अमीरात की संरचना में सामंजस्य और एकता को बढ़ावा देने के लिए आस्था-आधारित संस्थाओं और सरकारी संस्थाओं के बीच सहयोगी प्रयासों का एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ है।