क्या दिल्ली की द्वारका पुलिस ने अवैध रूप से रह रहे 29 विदेशी नागरिकों को डिपोर्ट किया?

सारांश
Key Takeaways
- द्वारका पुलिस ने 29 विदेशी नागरिकों को डिपोर्ट किया।
- ये लोग बांग्लादेश, आइवरी कोस्ट, नाइजीरिया आदि देशों के थे।
- पुलिस ने यह कार्रवाई बिना वैध वीजा के निवास करने वालों के खिलाफ की।
- डीसीपी अंकित सिंह ने कार्रवाई का नेतृत्व किया।
- स्थानीय संसाधनों की सुरक्षा के लिए यह कदम उठाया गया।
नई दिल्ली, 7 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली के द्वारका जिला पुलिस ने अवैध रूप से निवास कर रहे 29 विदेशी नागरिकों को पकड़ा और उन्हें डिपोर्ट किया। इनमें बांग्लादेश, आइवरी कोस्ट, नाइजीरिया, लाइबेरिया, तंजानिया और बेनिन के लोग शामिल हैं।
पुलिस ने जानकारी दी कि ये व्यक्ति बिना वैध वीजा के भारत में रह रहे थे, जिससे स्थानीय संसाधनों पर दबाव बन रहा था। द्वारका जिला पुलिस की विभिन्न टीमों ने डीसीपी अंकित सिंह की निगरानी में यह सफल कार्रवाई की। इस टीम में स्पेशल स्टाफ, थाना डाबरी, एंटी-नारकोटिक्स सेल, थाना मोहन गार्डन, एएटीएस, और थाना उत्तम नगर शामिल थे।
स्पेशल स्टाफ ने 11, थाना डाबरी ने 7, एंटी-नारकोटिक्स सेल ने 6, थाना मोहन गार्डन ने 3, और एएटीएस व थाना उत्तम नगर ने 1-1 विदेशी नागरिक को पकड़ा। पकड़े गए लोगों में 18 बांग्लादेशी, 4 आइवरी कोस्ट, 3 नाइजीरियाई, 2 लाइबेरियाई, 1 तंजानियाई और 1 बेनिनी नागरिक शामिल हैं।
बांग्लादेशी नागरिकों में मोहम्मद सफीकुल इस्लाम (30), उनकी पत्नी मौसमी (27), मोहम्मद इस्लाम (20), मोहम्मद अतीकुल (18), मोहम्मद बिलाल (28), उनकी पत्नी अल्पना (27), आसिया (65), बिट्टू बर्मन (47), उनकी पत्नी ललिता बर्मन (44), ललित बर्मन (32), उनकी पत्नी संतुना बर्मन (30) और कुछ नाबालिग बच्चे शामिल हैं। आइवरी कोस्ट से अली बाम्बा, अनिसेट एनडीए (40), चियाका कूलिबुली और अस्सी एरिक, नाइजीरिया से बेसिल उवेबुका चिगबोघ, चिनोमसो उजोर्ह (40), बसोल ओनेकाची ओक्वुएनु, लाइबेरिया से डेनियल टो तुवेह (62), मार्टनिस सिबली (42), तंजानिया से इड्डी रशीद मताली (44) और बेनिन से डैनियल जोनास को पकड़ा गया।
पुलिस ने जानकारी दी कि ये लोग बिना वैध वीजा के द्वारका जिले में निवास कर रहे थे। पुलिस टीमें नियमित रूप से खुफिया जानकारी एकत्र कर ऐसे लोगों पर निगरानी रखती हैं। पकड़े गए विदेशी नागरिकों को विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) के समक्ष पेश किया गया, जिसने उनके निर्वासन का आदेश जारी किया। इसके बाद, उन्हें हिरासत केंद्र भेजा गया।
डीसीपी अंकित सिंह ने कहा, “अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों के खिलाफ कार्रवाई हमारी प्राथमिकता है। हम स्थानीय संसाधनों की सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”