क्या दिल्ली में नेपाली गैंगस्टर भीम जोरा का एनकाउंटर हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- भीम जोरा का एनकाउंटर पुलिस की एक बड़ी सफलता है।
- पुलिस ने आधुनिक हथियार बरामद किए हैं।
- यह कार्रवाई सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
- अपराधियों के खिलाफ अभियान जारी रहेगा।
- भीम जोरा पर हत्या और डकैती के कई गंभीर आरोप थे।
नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश क्षेत्र में सोमवार की मध्य रात्रि एक मुठभेड़ में इनामी अपराधी भीम महाबहादुर जोरा को ढेर कर दिया गया। यह कार्रवाई दिल्ली पुलिस के साउथ ईस्ट जिले की स्पेशल स्टाफ और गुरुग्राम क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम द्वारा की गई।
पुलिस के सूत्रों के अनुसार, सोमवार को गुप्त सूचना मिली कि लालपुर, कैलाली जिला (नेपाल) का निवासी भीम जोरा दिल्ली में है। वह जंगपुरा (दिल्ली) में मई 2024 को डॉ. पॉल की हत्या का वांछित अपराधी है।
इस सूचना के आधार पर, इंस्पेक्टर राजेंद्र सिंह डागर के नेतृत्व में दिल्ली पुलिस की स्पेशल स्टाफ टीम और इंस्पेक्टर नरेंद्र शर्मा की अगुवाई में गुरुग्राम क्राइम ब्रांच ने एक संयुक्त ऑपरेशन शुरू किया।
6 अक्टूबर की रात करीब 12:20 बजे कैलाश ईस्ट इलाके में पुलिस ने आरोपी भीम जोरा को घेर लिया। खुद को घिरा देखकर, भीम जोरा ने पुलिस पर 6 राउंड फायरिंग की। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में 5 राउंड फायर किए, जिससे भीम जोरा गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे तुरंत एम्स ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार, भीम जोरा पर दिल्ली, गुरुग्राम, बेंगलुरु और गुजरात जैसे शहरों में हत्या, डकैती और चोरी जैसे 6 संगीन मामले दर्ज हैं।
मुठभेड़ के बाद पुलिस ने घटनास्थल से एक आधुनिक स्वचालित पिस्टल, एक कारतूस, तीन खाली खोखे और एक बैग (जिसमें ताले-चोरी के औजार थे) बरामद किया।
दिल्ली और गुरुग्राम पुलिस का यह संयुक्त ऑपरेशन एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। पुलिस ने कहा कि ऐसे अपराधियों के खिलाफ अभियान जारी रहेगा ताकि आम नागरिक सुरक्षित महसूस कर सकें।
पुलिस ने बताया कि नेपाल का निवासी जोरा एक अंतरराष्ट्रीय डकैती और चोरी के गिरोह का सरगना था। मई 2024 में, जोरा अपने साथियों के साथ नई दिल्ली में डकैती के इरादे से गया था।
इस दौरान उसने 63 वर्षीय डॉ. योगेश चंद्र पॉल की हत्या की थी। 17 महीनों से वह फरार था। हालांकि, पुलिस ने बताया कि वह गिरफ्तारी से बचने में सफल रहा, लेकिन डॉक्टर की हत्या के मामले में चार सह-आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था।