क्या देवरिया में मेरठ कांड पर आधारित 'नीला ड्रम वाला' दुर्गा पंडाल भक्ति के साथ सामाजिक संदेश दे रहा है?

Key Takeaways
- मेरठ कांड पर आधारित पंडाल से समाज में जागरूकता फैलाई जा रही है।
- पंडाल का उद्देश्य केवल धार्मिक आस्था को बढ़ावा देना नहीं है।
- यह पंडाल कला के माध्यम से सामाजिक मुद्दों पर विचार करता है।
- स्थानीय समुदाय इस पंडाल को लेकर उत्साहित है।
- इस तरह के प्रयास समाज में परिवर्तन लाने में सहायक होते हैं।
देवरिया, 1 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में इस नवरात्रि स्टेशन रोड पर शिव शक्ति क्लब द्वारा निर्मित 'नीला ड्रम वाला पंडाल' शहरवासियों के बीच चर्चा का विषय बन गया है। मेरठ कांड की घटना पर आधारित यह अद्वितीय दुर्गा पंडाल न सिर्फ भक्ति का केंद्र है, बल्कि सामाजिक जागरूकता का भी प्रतीक बन रहा है।
इस पंडाल की थीम मेरठ कांड से प्रेरित है, जिसमें एक महिला ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या कर शव को नीले ड्रम में छिपा दिया था। इस घटना को कला के माध्यम से प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया गया है। पंडाल में नीले ड्रम के अंदर शव के रूप में एक झांकी बनाई गई है, जबकि बाहर पत्नी और उसका प्रेमी खड़े दिखाए गए हैं। यह प्रस्तुति दर्शकों को चौंकाने के साथ-साथ समाज को अपराध और नैतिकता पर विचार करने के लिए प्रेरित कर रही है।
आयोजक प्रदीप कुमार चौरसिया ने राष्ट्र प्रेस से कहा कि मेरठ में जो मामला हुआ था, उसी आधार पर यह थीम तैयार की गई है। इसका उद्देश्य समाज को जागरूक करना है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।
पंडाल की एक और खासियत महिलाओं की सेल्फी लेने की बढ़ती प्रवृत्ति को रचनात्मक अंदाज में प्रदर्शित करना है। इसके अलावा, बच्चों और बड़ों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी एक ऑटोमेटिक मशीन, जिसके जरिए हनुमान जी की मूर्ति द्वारा प्रसाद वितरण किया जा रहा है। यह अनोखी व्यवस्था दर्शनार्थियों के लिए एक नया अनुभव साबित हो रही है।
स्थानीय लोगों में इस पंडाल को लेकर जबरदस्त उत्साह है। भारी संख्या में लोग दर्शन करने, सेल्फी लेने और इस अनूठी थीम का आनंद लेने पहुंच रहे हैं। आयोजकों का कहना है कि पंडाल का उद्देश्य केवल धार्मिक आस्था को बढ़ावा देना नहीं, बल्कि समाज में जागरूकता फैलाना भी है।
पंडाल में दर्शन करने पहुंची एक महिला ने मेरठ कांड पर आधारित अद्वितीय थीम की सराहना की। उन्होंने कहा कि मेरठ की घटना से यह सीख मिलती है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को न दोहराया जाए।