क्या जीआईएमएस में पोस्ट ग्रेजुएट मूल्यांकन के लिए ई-पोर्टफोलियो पर जागरूकता एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया?

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क्या जीआईएमएस में पोस्ट ग्रेजुएट मूल्यांकन के लिए ई-पोर्टफोलियो पर जागरूकता एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया?

सारांश

जीआईएमएस में आयोजित कार्यक्रम में ई-पोर्टफोलियो के माध्यम से पोस्ट-ग्रेजुएट मूल्यांकन को आधुनिक बनाने पर चर्चा की गई। डॉ. ममता यादव ने इस प्रणाली के फायदों पर प्रकाश डाला। जानें कैसे यह प्रणाली मेडिकल शिक्षा में दक्षता और जवाबदेही को बढ़ाती है।

Key Takeaways

  • ई-पोर्टफोलियो छात्रों की दक्षता को मापने का एक नया तरीका है।
  • यह पारंपरिक मूल्यांकन विधियों की तुलना में अधिक पारदर्शी है।
  • इसका उद्देश्य दक्षता-आधारित चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा देना है।
  • जीआईएमएस में तकनीक-आधारित मूल्यांकन पद्धतियों को अपनाया जा रहा है।
  • संस्थान भविष्य में भी ई-पोर्टफोलियो के प्रभावी क्रियान्वयन पर ध्यान देगा।

ग्रेटर नोएडा, २४ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (जीआईएमएस) में पोस्ट-ग्रेजुएट छात्रों और फैकल्टी सदस्यों के लिए 'ई-पोर्टफोलियो: एक नई विधि पोस्ट-ग्रेजुएट मूल्यांकन की' विषय पर जागरूकता एवं क्षमता-विकास कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (नेशनल मेडिकल कमीशन - एनएमसी) द्वारा लागू की गई नई ई-पोर्टफोलियो आधारित मूल्यांकन प्रणाली की रूपरेखा, उद्देश्यों और प्रक्रियाओं से सभी प्रशिक्षु चिकित्सकों और शिक्षकों को परिचित कराना था।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. ममता यादव, असिस्टेंट प्रोफेसर, फार्माकोलॉजी विभाग ने किया। उन्होंने अपने विस्तृत प्रेजेंटेशन में बताया कि ई-पोर्टफोलियो एक दीर्घकालिक डिजिटल रिकॉर्ड है, जिसमें पीजी छात्रों की क्लीनिकल कार्यप्रणाली, अकादमिक गतिविधियां, अनुसंधान, कौशल, फीडबैक और आत्मचिंतन (रिफ्लेक्टिव लर्निंग) शामिल होते हैं। यह पारंपरिक मूल्यांकन की तुलना में अधिक पारदर्शी और व्यापक व्यवस्था है, जो छात्रों की ज्ञान, कौशल और व्यवहारिक दक्षता का निरंतर मूल्यांकन सुनिश्चित करती है।

डॉ. ममता यादव ने आगे कहा कि ई-पोर्टफोलियो का उद्देश्य दक्षता-आधारित मेडिकल शिक्षा को प्रोत्साहित करना है। इससे न केवल प्रशिक्षण प्रक्रिया में जवाबदेही बढ़ती है, बल्कि मेंटरशिप, फॉर्मेटिव असेसमेंट और क्षमता-मानचित्रण (कॉम्पिटेंसी मैपिंग) भी बेहतर होता है। साथ ही, यह प्रणाली मेडिकल संस्थानों के आकलन और रेटिंग के लिए एनएमसी के मेडिकल असेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड के मानकों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

इस अवसर पर डॉ. (ब्रिग.) राकेश गुप्ता, निदेशक, जीआईएमएस ने कहा कि पोस्ट-ग्रेजुएट प्रशिक्षण में आधुनिक और तकनीक-आधारित मूल्यांकन पद्धतियों को अपनाना बेहद आवश्यक है। उन्होंने कहा कि एनएमसी-सीबीएमई करिकुलम के अनुरूप ई-पोर्टफोलियो भविष्य की चिकित्सा शिक्षा का प्रभावी साधन है, और जीआईएमएस इस दिशा में पूरी प्रतिबद्धता से आगे बढ़ रहा है।

कार्यक्रम में डॉ. सौरभ श्रीवास्तव (सीएमएस एवं प्रोफेसर, मेडिसिन विभाग), डॉ. रम्भा पाठक (डीन, जीआईएमएस), डॉ. एकता अरोड़ा (हेड, फार्माकोलॉजी विभाग) और डॉ. मणि भारती समेत विभिन्न विभागों के वरिष्ठ फैकल्टी सदस्य और पीजी निवासी डॉक्टरों ने भाग लिया। सहभागियों के बीच ई-पोर्टफोलियो के संचालन, डेटा एंट्री, मूल्यांकन मानदंड और उपयोगिता को लेकर विस्तृत चर्चा भी हुई।

जीआईएमएस ने आश्वस्त किया कि संस्थान भविष्य में भी चिकित्सा शिक्षा में तकनीक-सक्षम और दक्षता-आधारित मॉडल को बढ़ावा देता रहेगा। साथ ही, सभी फैकल्टी और पीजी विद्यार्थियों को ई-पोर्टफोलियो प्रणाली के सफल और प्रभावी क्रियान्वयन में पूर्ण सहयोग प्रदान किया जाएगा।

Point of View

बल्कि यह चिकित्सा संस्थानों की रेटिंग में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
NationPress
25/11/2025

Frequently Asked Questions

ई-पोर्टफोलियो क्या है?
ई-पोर्टफोलियो एक डिजिटल रिकॉर्ड है, जिसमें छात्रों की क्लीनिकल कार्यप्रणाली, अकादमिक गतिविधियां, अनुसंधान और कौशल शामिल होते हैं।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य क्या था?
कार्यक्रम का उद्देश्य एनएमसी द्वारा लागू नई ई-पोर्टफोलियो आधारित मूल्यांकन प्रणाली के बारे में सभी प्रशिक्षु चिकित्सकों और शिक्षकों को अवगत कराना था।
कौन-कौन से विशेषज्ञों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया?
कार्यक्रम में डॉ. ममता यादव, डॉ. (ब्रिग.) राकेश गुप्ता, डॉ. सौरभ श्रीवास्तव, और अन्य वरिष्ठ फैकल्टी सदस्यों ने भाग लिया।
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