क्या जीजेईपीसी ने भारत के मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम को सुधारने के लिए महत्वपूर्ण पॉलिसी सुधार पेश किए?

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क्या जीजेईपीसी ने भारत के मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम को सुधारने के लिए महत्वपूर्ण पॉलिसी सुधार पेश किए?

सारांश

भारत की जेम और ज्वैलरी क्षेत्र में सुधार के लिए जीजेईपीसी ने केंद्र सरकार से महत्वपूर्ण पॉलिसी सुधार की मांग की है। जानें कैसे ये सुधार भारत की वैश्विक व्यापार प्रतिस्पर्धा को बढ़ा सकते हैं।

Key Takeaways

  • जीजेईपीसी ने महत्वपूर्ण पॉलिसी सुधारों की मांग की है।
  • कस्टम्स एक्ट में बदलाव से व्यापार प्रक्रियाएं तेज होंगी।
  • नेशनल जेम एंड ज्वैलरी पार्क पॉलिसी से विदेशी निवेश आकर्षित होगा।

नई दिल्ली, ४ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत की वैश्विक व्यापार में प्रतिस्पर्धा को और मजबूती प्रदान करने के लिए जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) ने केंद्र सरकार से कई महत्वपूर्ण सुधारों की मांग की है। इनमें कस्टम्स एक्ट में बदलाव, रियायती एक्सपोर्ट क्रेडिट की पेशकश, एईजेड एक्ट में संशोधन कराने और एक नेशनल जेम एंड ज्वैलरी पार्क पॉलिसी का गठन शामिल है।

काउंसिल के बयान के अनुसार, जीजेईपीसी के चेयरमैन किरित भंसाली ने पीएम मोदी की अध्यक्षता में कुछ प्रमुख उद्योग प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की। इस मीटिंग में उन्होंने भारत के मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम को सुधारने के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव प्रस्तुत किए।

भंसाली ने इस मीटिंग में भारत के लिए एक व्यापार-मैत्रीपूर्ण वातावरण बनाए जाने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि देश विश्व के अग्रणी व्यापार हब जैसे बेल्जियम, लंदन, यूएसए और यूएई के साथ प्रतिस्पर्धा कर सके।

उन्होंने बताया कि उद्योग कस्टम्स एक्ट, 1962 को आधुनिक बनाने की उम्मीद कर रहा है, जिसमें रिस्क मैनेजमेंट सिस्टम का कार्यान्वयन और एआई-आधारित डिजिटल मूल्यांकन शामिल हैं।

इन उपायों से कस्टम्स प्रक्रियाओं में तेजी आएगी, यह अधिक पारदर्शी और लागत-कुशल होगी। इसका सीधा प्रभाव भारत के ईज-ऑफ-डूइंग बिजनेस को बेहतर बनाने और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा की क्षमता को मजबूत करने के रूप में देखा जाएगा।

काउंसिल ने विशेष रूप से एमएसएमई यूनिट्स को लाभ पहुंचाने के लिए कंसेशनल रेट पर एक्सपोर्ट क्रेडिट देने की योजना पर भी अनुरोध किया है।

इसके अतिरिक्त, काउंसिल ने एसईजेड एक्ट में संशोधन को शीघ्र पास करने की अपील की है, जिससे सही ड्यूटी समायोजन के साथ सीमित घरेलू बिक्री की जा सकेगी और ऑफ सीजन में अनयूज्ड क्षमता का सही उपयोग हो सकेगा।

घरेलू मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए नेशनल जेम एंड ज्वैलरी पार्क पॉलिसी के लिए भी अपील की गई है, जिससे भारत के जेम और ज्वैलरी वैल्यू चेन में विदेशी निवेश आकर्षित किया जा सकेगा।

जीजेईपीसी ने वित्त मंत्रालय से एक्सपोर्ट-इंपोर्ट और कस्टम प्रक्रियाओं को सरल बनाने का भी अनुरोध किया है, ताकि जेम एंड ज्वैलरी सेक्टर को एक अग्रणी वैश्विक व्यापारिक गंतव्य की तरह ईज-ऑफ-डूइंग बिजनेस में आसानी हो सके।

Point of View

बल्कि समग्र आर्थिक विकास में भी सहायक होगा। ऐसे सुधारों की आवश्यकता है ताकि भारत को वैश्विक व्यापार में अग्रणी बनाया जा सके।
NationPress
04/11/2025

Frequently Asked Questions

जीजेईपीसी क्या है?
जीजेईपीसी, या जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल, भारत में जेम और ज्वैलरी के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए काम करता है।
कस्टम्स एक्ट में क्या बदलाव किए जाने हैं?
कस्टम्स एक्ट में सुधार के लिए रिस्क मैनेजमेंट सिस्टम और एआई-बेस्ड डिजिटल मूल्यांकन जैसे उपायों को लागू किया जाएगा।
एक्सपोर्ट क्रेडिट का क्या महत्व है?
रियायती एक्सपोर्ट क्रेडिट से विशेष रूप से एमएसएमई इकाइयों को लाभ मिलेगा, जिससे वे अपने निर्यात को बढ़ा सकें।