क्या नेपाल में अशांति के कारण गुजरात सरकार सतर्क हुई है?
सारांश
Key Takeaways
- गुजरात सरकार नागरिकों की सुरक्षा के प्रति गंभीर है।
- मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल नेपाल की स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं।
- केंद्र सरकार ने भी नागरिकों की सुरक्षा का आश्वासन दिया है।
- नेपाल में जन-आंदोलन के कारण स्थिति अस्थिर है।
- गुजरात के 18 नागरिक नेपाल में फंसे हुए हैं।
गांधीनगर, 10 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। नेपाल में अशांति और हिंसक विरोध प्रदर्शनों के चलते गुजरात सरकार ने वहां फंसे अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर कदम उठाए हैं। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल नेपाल की स्थिति पर निरंतर नजर रखे हुए हैं और वहां मौजूद गुजराती नागरिकों की कुशलता एवं सुरक्षित वापसी के लिए सभी आवश्यक प्रयास किए जा रहे हैं।
ऋषिकेश पटेल ने कहा कि हाल ही में बड़ी संख्या में गुजराती नागरिक पर्यटन और अन्य कारणों से नेपाल गए थे। राज्य सरकार उनकी सुरक्षा और कुशलता के प्रति पूरी तरह सतर्क है। सरकार का लक्ष्य है कि सभी गुजराती नागरिकों को सुरक्षित रूप से गुजरात वापस लाया जाए।
उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने नेपाल की घटनाओं का तुरंत संज्ञान लिया है। बहुत सारे लोग नेपाल में घूमने के लिए जाते हैं, उन लोगों की व्यवस्था और सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार से संपर्क किया गया है। केंद्र सरकार ने आश्वासन दिया है कि नेपाल में फंसे सभी भारतीयों, विशेष रूप से गुजराती नागरिकों की सुरक्षा को लेकर वे भी गंभीर हैं।"
स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने कहा कि हमारा एकमात्र उद्देश्य यह है कि किसी भी गुजराती या भारतीय नागरिक को कोई परेशानी न हो। उनकी सुरक्षित वापसी के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।
इससे पहले, गुजरात से आने वाले राज्यसभा सांसद और कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल ने दावा किया कि नेपाल में गुजरात के 18 लोग फंसे हुए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "नेपाल के काठमांडू एयरपोर्ट पर उड़ानें ठप हैं। हमारे बहुत से भारतीय वहां फंस गए हैं। गुजरात के केनन पटेल ने फोन पर बताया कि उनके साथ 18 गुजराती लोगों का ग्रुप भी फंस गया है।"
कांग्रेस सांसद ने सरकार से अनुरोध किया कि तुरंत नागरिकों को भारत आने के लिए व्यवस्था की जाए, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।
बता दें कि नेपाल में 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध और उसके बाद भड़के जन-आंदोलन, जिसे 'जेन-जेड विरोध' के नाम से जाना जा रहा है, के कारण वहां अस्थिरता की स्थिति बनी हुई है। इस अशांति में कम से कम 19 लोगों की मौत और सैकड़ों के घायल होने की खबर है, जिसके चलते नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया।