क्या हरियाणा में कांग्रेस की सद्भाव यात्रा से भाजपा पर दबाव बनेगा?

सारांश
Key Takeaways
- सदभाव यात्रा का उद्देश्य भाईचारे को पुनर्स्थापित करना है।
- बेरोजगारी एक प्रमुख मुद्दा है।
- भाजपा की नीतियों पर सवाल उठाए जाएंगे।
- यात्रा में वोट चोरी जैसे मुद्दों को भी शामिल किया जाएगा।
नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के प्रमुख नेता बृजेंद्र सिंह ने शनिवार को हरियाणा में शुरू होने वाली ‘सदभाव यात्रा’ का उद्देश्य स्पष्ट किया।
उन्होंने राष्ट्र प्रेस को बताया कि यह यात्रा हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों पर जाएगी। इसका मुख्य उद्देश्य वहां की मौजूदा स्थिति को समझना है। हरियाणा में भाजपा की सरकार को एक वर्ष पूर्ण हो चुका है और इस दौरान सरकार ने 36 बिरादरी के भाईचारे को समाप्त करने का कार्य किया है, जिसे हम स्वीकार नहीं कर सकते। राजनीतिक मतभेद हमेशा रहे हैं, लेकिन भाजपा की सोच ने समाज में विभाजन उत्पन्न किया है।
उन्होंने कहा कि भाजपा समाज के एक या दो समुदाय को चिन्हित कर उन्हें अन्य समुदायों के खिलाफ भड़काने का प्रयास करती है। इस नीति के जरिए सरकार लोगों को आपस में लड़ाने में सफल रही है। हमें इस बात से कोई आपत्ति नहीं कि लोग कहां मतदान करते हैं।
बृजेंद्र सिंह ने बताया कि हमें यह समझना होगा कि ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न जातियों के लोग रहते हैं जिनकी विचारधारा अलग-अलग होती है। लेकिन सभी लोग एकजुट रहते हैं और मतभेद नहीं होने देते। हमारी यात्रा का उद्देश्य इस एकता को बनाए रखना है।
उन्होंने बेरोजगारी को एक प्रमुख मुद्दा बताया। हरियाणा में बेरोजगारी की दर काफी अधिक है, और यह स्पष्ट है कि बड़ी कंपनियों में हमारे बच्चों को रोजगार नहीं मिल रहा है। कई लोग विदेश जाने की होड़ में अपनी जमीन भी बेच रहे हैं, जिसका मुख्य कारण कृषि व्यवस्था का खत्म होना है। सरकार की तरफ से बेरोजगारी कम करने के लिए कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा कि यात्रा के दौरान हम राष्ट्रीय मुद्दों, जैसे वोट चोरी, को भी उठाएंगे। उन्होंने राहुल गांधी के बयान का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने वोट चोरी के मुद्दे को उठाया है।
उन्होंने एसआईआर के मुद्दे को भी उठाते हुए कहा कि यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, जिसे चुनावी राज्यों में उठाना उचित नहीं है।