क्या हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल ने मेडिकल कॉलेजों में 53 सहायक प्रोफेसर पदों को भरने की मंजूरी दी?
सारांश
Key Takeaways
- 53 सहायक प्रोफेसर पदों की स्वीकृति
- 121 अन्य पदों को भरने का निर्णय
- 600 सहायक स्टाफ नर्स के पदों का सृजन
- डॉक्टरों के लिए 20% प्रोत्साहन राशि
- गद्दी समुदाय के लिए वन भूमि खोलने का निर्णय
शिमला, 30 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल ने मंगलवार को स्वास्थ्य क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। मंत्रिमंडल ने मेडिकल कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर के 53 पदों और विभिन्न श्रेणियों के 121 पदों को भरने का निर्णय लिया है। इनमें शिक्षण और गैर-शिक्षण संकाय के साथ ही पैरामेडिकल स्टाफ भी शामिल हैं।
इसके साथ ही, मंत्रिमंडल ने सहायक स्टाफ नर्सिंग नीति के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग के माध्यम से 600 सहायक स्टाफ नर्स पदों के सृजन को भी मंजूरी दी।
मंत्रिमंडल ने डॉक्टर ऑफ मेडिसिन और मास्टर ऑफ चिरुर्गिया की योग्यता प्राप्त फैकल्टी डॉक्टरों को मूल वेतन का 20 प्रतिशत प्रोत्साहन राशि देने की स्वीकृति भी दी। जल शक्ति विभाग में जॉब ट्रेनी और जूनियर इंजीनियर (सिविल) के 40 पदों को भरने की भी मंजूरी दी गई।
अतिरिक्त रूप से, कैबिनेट ने ग्रामीण विकास विभाग में ब्लॉक विकास अधिकारी के 10 पदों को सीधी भर्ती के माध्यम से भरने को भी मंजूरी दी। कैबिनेट ने 100 चिह्नित विद्यालयों में सीबीएसई विद्यालयों के लिए एक समर्पित उप-कैडर के सृजन को भी स्वीकृति प्रदान की, जिसमें भर्ती, प्रशिक्षण, कार्यकाल और प्रदर्शन मूल्यांकन के मानदंड होंगे।
मंत्रिमंडल ने धर्मशाला के टोंग-लेन स्कूल में नामांकित और अध्ययनरत बच्चों और विकलांग माता-पिता (जिनमें से दोनों या केवल एक ही जीवित माता-पिता 70 प्रतिशत या उससे अधिक विकलांग हों) के बच्चों को मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के दायरे में शामिल करने का निर्णय लिया।
मंत्रिमंडल ने उन बच्चों को भी सुख आश्रय योजना में शामिल करने का निर्णय लिया, जिनके माता-पिता में से एक की मृत्यु हो चुकी है और दूसरे ने बच्चों को अपने हाल पर छोड़ दिया है।
इसके अलावा, मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ की सीमा पर शीतलपुर में एक विश्व स्तरीय टाउनशिप के निर्माण को मंजूरी दी। इसने अचल संपत्ति क्षेत्र को विनियमित और बढ़ावा देने, अचल संपत्ति व्यवसाय में पारदर्शिता लाने और विवादों के त्वरित निवारण हेतु हिमाचल प्रदेश अचल संपत्ति (विनियमन और विकास नियम, 2017) के नियम 3 में संशोधन करने का निर्णय लिया।
मंत्रिमंडल ने ऊना जिले के पलक्वा खास में स्थित कौशल विकास संस्थान भवन एवं अन्य निर्माण कल्याण बोर्ड के भवन का उपयोग करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी और एसडीआरएफ को इस परिसर में स्थानांतरित किया जाएगा।
राज्य में पशुपालकों की सुगम आवाजाही के लिए एक अधिनियम पेश किया जाएगा और सभी वन भूमि और घास के मैदान गद्दी समुदाय के पशुओं के लिए खोले जाएंगे।