क्या संसद के मानसून सत्र से पहले इंडी गठबंधन की बैठक महत्वपूर्ण होगी?

सारांश
नई दिल्ली में विपक्षी दलों की एक महत्वपूर्ण वर्चुअल बैठक का आयोजन हो रहा है, जिसका उद्देश्य संसद के मानसून सत्र से पहले सरकार के खिलाफ एकजुट होकर रणनीति बनाना है। यह बैठक विपक्ष के लिए एक रणनीतिक मंच साबित हो सकती है।
Key Takeaways
- इंडी गठबंधन की वर्चुअल बैठक का आयोजन
- सरकार के खिलाफ साझा रणनीति तैयार करना
- मतदाता सूची की विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया पर चर्चा
- लोकतंत्र और चुनावी पारदर्शिता से जुड़े मुद्दों का उठाया जाना
- विपक्ष का एकजुट होना
नई दिल्ली, 19 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। संसद के मानसून सत्र के आगाज से पूर्व, विपक्षी दलों ने शनिवार को इंडी गठबंधन की एक वर्चुअल बैठक आयोजित की है। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य संसद में सरकार के खिलाफ एक साझा रणनीति तैयार करना है।
कांग्रेस इस बैठक का समन्वयन कर रही है। पहले इसे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर आयोजित करने की योजना थी, लेकिन अब इसे वर्चुअल फॉर्मेट में परिवर्तित किया गया है, ताकि देशभर के विपक्षी नेताओं की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित हो सके।
बैठक शाम 7 बजे प्रारंभ होगी और इसमें कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (राजद), शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट), समाजवादी पार्टी (सपा), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) और वामपंथी दलों समेत प्रमुख विपक्षी पार्टियों के वरिष्ठ नेता शामिल होंगे।
तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के बैठक में भाग लेने की संभावना है। हालांकि, आम आदमी पार्टी (आप) की भागीदारी को लेकर अभी भी अनिश्चितता बनी हुई है।
कांग्रेस सांसद और महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने बैठक की जानकारी देते हुए कहा कि इंडी गठबंधन के शीर्ष नेता संसद के मानसून सत्र में उठाए जाने वाले महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार करेंगे।
कांग्रेस के सांसद सैयद नासिर हुसैन ने बताया कि यह बैठक विपक्ष के लिए एक रणनीतिक मंच होगी, जहां वे सरकार के एजेंडे का विरोध करने और लोकतंत्र, शासन प्रणाली और चुनावी पारदर्शिता से जुड़े मुद्दों को प्रभावी ढंग से उठाने की रणनीति बनाएंगे।
बैठक में बिहार में चल रही मतदाता सूची की विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया पर भी चर्चा होने की संभावना है। विपक्ष ने इस प्रक्रिया को आगामी विधानसभा चुनावों से पहले मतदाता सूचियों में व्यापक हेरफेर का प्रयास करार दिया है।
कांग्रेस के सांसद जयराम रमेश ने हाल ही में इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, “बिहार में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण एक सोची-समझी और खतरनाक साजिश है, ताकि बड़े पैमाने पर लोगों को मताधिकार से वंचित कर चुनावों को प्रभावित किया जा सके।”