क्या कर्नाटक पुलिस ने मुख्य न्यायाधीश के साथ दुर्व्यवहार करने वाले वकील के खिलाफ एफआईआर दर्ज की?

सारांश
Key Takeaways
- कर्नाटक पुलिस ने वकील राकेश किशोर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
- सीजेआई बी.आर. गवई के साथ दुर्व्यवहार की शिकायत की गई है।
- वकीलों ने मौन विरोध प्रदर्शन किया है।
- मामला नई दिल्ली स्थित पुलिस को भेजा जाएगा।
- यह घटना न्यायपालिका की गरिमा को प्रभावित करती है।
बेंगलुरु, 8 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। कर्नाटक पुलिस ने बुधवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बी.आर. गवई के साथ दुर्व्यवहार करने वाले वकील राकेश किशोर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। यह एफआईआर अखिल भारतीय अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष भक्तवचला की शिकायत पर की गई है।
विधान सौधा पुलिस ने 71 वर्षीय राकेश किशोर के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 132 और 133 के तहत जीरो एफआईआर दर्ज की है। उन पर आरोप है कि उन्होंने किसी लोक सेवक पर हमला करने या उसे उसके कर्तव्यों के निर्वहन से रोकने के लिए आपराधिक बल का प्रयोग किया और किसी व्यक्ति का अपमान करने के इरादे से बल का प्रयोग किया।
जीरो एफआईआर वो होती है जिसे किसी भी पुलिस स्टेशन में दर्ज किया जा सकता है, चाहे अपराध कहीं भी हुआ हो। पुलिस के सूत्रों के अनुसार, मामला नई दिल्ली स्थित संबंधित पुलिस को स्थानांतरित किया जाएगा।
एफआईआर में कहा गया है कि 6 अक्टूबर को राकेश किशोर ने नई दिल्ली में सर्वोच्च न्यायालय के कोर्ट हॉल नंबर 1 में सीजेआई के साथ दुर्व्यवहार किया।
उस समय, भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन अदालत कक्ष में उपस्थित थे। शिकायतकर्ता ने न्यायपालिका की गरिमा और अखंडता की रक्षा के लिए आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई के साथ दुर्व्यवहार की निंदा करते हुए वकीलों ने राज्य उच्च न्यायालय के समक्ष मौन विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने आरोपी वकील राकेश किशोर की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने इसे न्यायपालिका की स्वतंत्रता को कमजोर करने का प्रयास बताया और मामले की स्वतंत्र जांच की अपील की।