क्या 'खेलो इंडिया' कार्यक्रम के माध्यम से वाटर स्पोर्ट्स की लोकप्रियता बढ़ रही है?: पी टी पॉलोज

सारांश
Key Takeaways
- खेलो इंडिया कार्यक्रम का उद्देश्य प्रतिभा पहचानना है।
- जल खेलों की लोकप्रियता बढ़ रही है।
- 36 राज्य इस प्रतियोगिता में भाग ले रहे हैं।
- पी टी पॉलोज का योगदान महत्वपूर्ण है।
- नौकायन में प्रशिक्षण की कमी है।
श्रीनगर, 22 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। 'खेलो इंडिया कार्यक्रम' के तहत श्रीनगर में आयोजित एक समारोह में, 2004 में एथेंस ओलंपिक में नौकायन में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले पी टी पॉलोज ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि जल्द ही हमारे खिलाड़ी नौकायन में अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीतने में सफल होंगे।
'खेलो इंडिया वाटर स्पोर्ट्स फेस्टिवल' 'खेलो इंडिया' कैलेंडर में एक नई पहल है। यह महोत्सव 21 अगस्त से शुरू होकर 23 अगस्त तक चलेगा। श्रीनगर की प्रसिद्ध डल झील में हो रहे इस महोत्सव का आज दूसरा दिन है। इस महोत्सव में रोइंग, कैनोइंग, कयाकिंग, वॉटर स्कीइंग, शिकारा रेस और ड्रैगन बोट रेस जैसे छह खेल शामिल हैं। इस आयोजन में 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के खिलाड़ी भाग ले रहे हैं।
यह जम्मू-कश्मीर में 'खेलो इंडिया विंटर गेम्स' के बाद दूसरा बड़ा आयोजन है। 'खेलो इंडिया' अभियान की शुरुआत 2017-18 में हुई थी, जिसका उद्देश्य जमीनी स्तर पर खेलों को बढ़ावा देना, प्रतिभा की पहचान करना और खेलों के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना है।
इस अवसर पर, पी टी पॉलोज ने कहा, "मैंने 2004 ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करने के बाद से 2005 से कोचिंग में सक्रियता दिखाई है। 2013 तक मैंने सर्विसेज की टीम को कोचिंग दी। 2013 में मैंने साई में कोच की भूमिका में प्रवेश किया और वर्तमान में मुख्य कोच के रूप में कार्यरत हूँ।"
उन्होंने बताया कि नौकायन में खिलाड़ियों के लिए अभ्यास के अवसर बहुत सीमित हैं। हर राज्य में ट्रेनिंग सेंटर नहीं हैं। श्रीनगर में हो रहे 'खेलो इंडिया' कार्यक्रम का व्यापक प्रचार किया जा रहा है। इसमें वॉटर स्पोर्ट्स इवेंट भी शामिल हैं, जिससे खिलाड़ियों को वाटर स्पोर्ट्स के प्रति जागरूकता मिल रही है। यह एक सकारात्मक संकेत है और इससे इस खेल की लोकप्रियता बढ़ेगी।
पॉलोज ने कहा, "यह खेल काफी महंगा है। इसलिए अधिक से अधिक सेंटर खोलने की आवश्यकता है और खिलाड़ियों को खेल से जुड़ी सामग्री उपलब्ध कराई जानी चाहिए। हरियाणा, राजस्थान और पंजाब से अच्छे खिलाड़ी सामने आ रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि हम अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में जल्द ही पदक जीतेंगे।"
पॉलोज नौकायन में भारत के प्रमुख खिलाड़ियों में से एक रहे हैं। उन्होंने 2004 के एथेंस ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया और 2002 बुसान एशियाई खेलों में कांस्य तथा 2003 एशियाई चैम्पियनशिप में रजत पदक जीते।
पॉलोज ने रोमानियाई कोच निकोलस वुलपे से प्रेरणा ली है और भारतीय कोच इस्माइल बेग और एस पी एस यादव से प्रशिक्षण प्राप्त किया।
भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) में मुख्य कोच के रूप में कार्यरत पॉलोज ने ओडिशा के नौकायन खिलाड़ियों को प्रशिक्षित किया है और उनकी राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय सफलता में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।