क्या किश्तवाड़ की त्रासदी पर सीपीआई (एमएल) ने शोक व्यक्त किया और राष्ट्रीय आपदा की मांग की?

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क्या किश्तवाड़ की त्रासदी पर सीपीआई (एमएल) ने शोक व्यक्त किया और राष्ट्रीय आपदा की मांग की?

सारांश

किश्तवाड़ में बादल फटने की घटना ने भारी तबाही मचाई है। सीपीआई (एमएल) ने सरकार से राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की है। इस संकट में पीड़ित परिवारों के प्रति एकजुटता का स्वरूप दर्शाया गया है। जानें इस घटना के पीछे के कारण और सरकार की संभावित कार्रवाई।

Key Takeaways

  • किश्तवाड़ में बादल फटने से भारी तबाही हुई।
  • सीपीआई (एमएल) ने राष्ट्रीय आपदा की मांग की।
  • जलवायु संकट को प्रमुख कारण बताया गया।
  • सतत विकास के लिए ठोस नीतियों की आवश्यकता है।
  • भविष्य में ऐसी घटनाओं के लिए तैयारी जरूरी है।

नई दिल्ली, 15 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में बादल फटने की घटना के कारण कई लोगों की मृत्यु और भयंकर तबाही हुई है, जिसके चलते भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) ने गहरा शोक व्यक्त किया है। पार्टी ने यह भी कहा है कि वह पीड़ित परिवारों और इस आपदा से प्रभावित सभी लोगों के साथ एकजुटता के साथ खड़ी है।

पार्टी की केंद्रीय समिति द्वारा शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा गया कि यह घटना कुछ दिन पहले उत्तराखंड के धराली में आई विनाशकारी आपदा के बाद हुई है, जो कि हिमालयी क्षेत्रों की अत्यधिक संवेदनशीलता को एक बार फिर से उजागर करती है। बयान में कहा गया कि लगातार ऐसी आपदाएं गंभीर चेतावनी देती हैं कि अनियंत्रित और खराब तरीके से योजना बना कर किए गए विकास कार्य संवेदनशील पर्वतीय पारिस्थितिक तंत्र पर भारी दबाव डाल रहे हैं और लाखों लोगों की जान को खतरे में डाल रहे हैं।

सीपीआई (एमएल) ने जलवायु संकट को इन खतरों का एक बड़ा कारण बताया और कहा कि हाल ही में केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) की रिपोर्ट ने गंभीर चिंताएं बढ़ा दी हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 100 हिमनदी झीलों में से 34 में जल क्षेत्र के फैलाव में बढ़ोतरी देखी गई है, जिससे हिमनदी झील विस्फोट बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।

पार्टी ने केंद्र सरकार से मांग की है कि इस आपदा को तुरंत राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए और बचाव, राहत एवं दीर्घकालिक पुनर्वास कार्यों के लिए सभी संभव संसाधन जुटाए जाएं। इसके साथ ही, एक उच्च स्तरीय वैज्ञानिक आयोग का गठन किया जाए, जो भविष्य में ऐसी आपदाओं से निपटने की तैयारी और रोकथाम के उपाय सुनिश्चित करे।

सीपीआई (एमएल) ने आगे कहा कि प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को न केवल तत्काल मदद की आवश्यकता है, बल्कि दीर्घकालिक सुरक्षा और सतत विकास के लिए ठोस नीतियों की भी आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियों को टाला जा सके।

Point of View

किश्तवाड़ की त्रासदी ने हमें फिर से यह सोचने पर मजबूर किया है कि विकास कार्यों का अनियोजित ढंग से करना हमारे संवेदनशील पारिस्थितिकी तंत्र के लिए कितना खतरनाक हो सकता है। हमें इस संकट का सामना एकजुट होकर करना होगा और सही नीतियों को अपनाना होगा।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

किश्तवाड़ में बादल फटने की घटना कब हुई?
यह घटना 15 अगस्त को हुई थी।
सीपीआई (एमएल) ने इस घटना पर क्या प्रतिक्रिया दी?
सीपीआई (एमएल) ने गहरा शोक व्यक्त किया और राष्ट्रीय आपदा की मांग की।
इस घटना का मुख्य कारण क्या है?
जलवायु संकट और अनियोजित विकास कार्य इस घटना के मुख्य कारण हैं।