क्या आपका भूलना सिर्फ थकान है या अल्जाइमर की आहट?

सारांश
Key Takeaways
- अल्जाइमर एक गंभीर बीमारी है जो उम्र के साथ बढ़ती है।
- शुरुआती पहचान से इसके लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है।
- संतुलित खानपान और नियमित व्यायाम महत्वपूर्ण हैं।
- मेमोरी क्लीनिक में विशेषज्ञों द्वारा उचित चिकित्सा मिलती है।
- याददाश्त कमजोर होना केवल बुजुर्गों की समस्या नहीं है।
नई दिल्ली, 17 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। अल्जाइमर एक गंभीर न्यूरोलॉजिकल बीमारी है, जो मुख्यतः बढ़ती उम्र के कारण व्यक्तियों को प्रभावित करती है। यह धीरे-धीरे याददाश्त को कमजोर कर देती है और व्यक्ति की सोचने-समझने की क्षमता पर गहरा प्रभाव डालती है।
शुरुआत में, रोगी छोटी-छोटी बातें भूलने लगता है, लेकिन समय के साथ हिसाब-किताब करना, पढ़ना-लिखना, और रास्ते ढूंढना जैसी बुनियादी क्षमताएं भी प्रभावित होने लगती हैं। यही कारण है कि इसे उम्र से जुड़ी मानसिक बीमारियों में सबसे प्रमुख माना जाता है।
एम्स के न्यूरोलॉजी विभाग की प्रमुख डॉ. मंजरी त्रिपाठी के अनुसार, अल्जाइमर के तीन चरण होते हैं—अर्ली, मिड, और एडवांस स्टेज। यदि मरीज शुरुआती दौर में ही डॉक्टर से संपर्क कर लेते हैं, तो बीमारी के बढ़ने को नियंत्रित किया जा सकता है। शुरुआती पहचान बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि बाद के चरणों में इसका इलाज कठिन हो जाता है।
इस बीमारी से बचाव के लिए दिनचर्या को संतुलित रखना बहुत आवश्यक है। सही खानपान, पर्याप्त नींद, और नियमित योगाभ्यास मस्तिष्क को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। बढ़ती उम्र में खुद को व्यस्त रखना और नई-नई चीजें सीखते रहना भी दिमाग को सक्रिय बनाए रखने में सहायक है। पढ़ाई, लेखन, संगीत, या किसी शौक में लगे रहना याददाश्त को मजबूत करता है।
एम्स में इस दिशा में विशेष कार्य किया जा रहा है। यहां मेमोरी क्लीनिक संचालित है, जहां अल्जाइमर के मरीजों की जांच, टेस्ट, और उपचार किए जाते हैं। इस क्लीनिक में विशेषज्ञ मरीजों की स्थिति का आकलन करते हैं और उन्हें उचित चिकित्सा तथा परामर्श प्रदान करते हैं।
आजकल तकनीक के अत्यधिक प्रयोग ने भी याददाश्त पर नकारात्मक असर डाला है। लंबे समय तक मोबाइल पर सोशल मीडिया स्क्रॉल करने से बच्चों और युवाओं की मेमोरी पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इससे उनकी पढ़ाई और कामकाज दोनों में गिरावट देखी जा रही है। याददाश्त की कमजोरी अब केवल बुजुर्गों की समस्या नहीं रही, बल्कि युवा वर्ग भी इससे प्रभावित हो रहा है।
चिकित्सकीय अध्ययनों के अनुसार, अल्जाइमर की बीमारी पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक पाई जाती है। हार्मोनल बदलाव और लंबी आयु इसके प्रमुख कारण माने जाते हैं।
हालांकि, यह ध्यान रखना आवश्यक है कि कभी-कभी चीजें भूल जाना अल्जाइमर का लक्षण नहीं होता। यदि हमें यह याद है कि हमने कुछ भुला दिया है, तो यह सामान्य व्यस्त दिनचर्या का हिस्सा है। दिमाग पर एक साथ बहुत-से कामों का बोझ होने पर भी ऐसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है।