क्या नक्सलवाद को पुनर्जीवित होने से रोकने के लिए विकास और जनकल्याण की गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा?
सारांश
Key Takeaways
- नक्सलवाद का प्रभाव समाप्त हो चुका है।
- विकास और जनकल्याण की गतिविधियों को बढ़ावा देना आवश्यक है।
- महिला सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
- सोशल मीडिया का सकारात्मक उपयोग करना चाहिए।
- पुलिस की छवि को बेहतर बनाना आवश्यक है।
भोपाल, 18 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश में नक्सलवाद का प्रभाव समाप्त हो चुका है। राज्य के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पुलिस अधिकारियों से कहा कि नक्सलवाद फिर से न बढ़े इसके लिए प्रभावित क्षेत्रों में विकास और जनकल्याण की गतिविधियों को सक्रिय रूप से संचालित किया जाना चाहिए।
सीएम मोहन यादव ने गुरुवार को पुलिस मुख्यालय में पुलिस महानिदेशक-महा निरीक्षक सम्मेलन वर्ष 2025 को संबोधित करते हुए प्रदेश से नक्सलवाद को समाप्त करने के लिए पुलिस बल को बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद से प्रभावित क्षेत्रों में विकास और जनकल्याण की गतिविधियों का संचालन इस प्रकार किया जाए ताकि नक्सलवाद पुनः न उभरे।
सीएम मोहन यादव की अध्यक्षता में शुरू हुई इस कॉन्फ्रेंस में पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना ने बताया कि यह कॉन्फ्रेंस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में विकसित भारत, सुरक्षा आयाम पर रायपुर में हुए पुलिस महानिदेशक-महानिरीक्षकों के अखिल भारतीय सम्मेलन के निर्देशों का पालन करते हुए आयोजित की गई है।
उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में आंतरिक सुरक्षा, कानून व्यवस्था, महिला सुरक्षा, पुलिस आधुनिकीकरण, पुलिस थाना परिसरों का पुनर्विकास, साइबर इनीशिएटिव्स, और अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री यादव ने बताया कि वर्तमान युग में सोशल मीडिया एक शक्तिशाली साधन बन चुका है, लेकिन इसके दुरुपयोग से अफवाहों और अपराधों का फैलाव भी हो रहा है। इसलिए आवश्यक है कि हम सोशल मीडिया का सकारात्मक उपयोग करें।
उन्होंने कहा कि पुलिस को जनसामान्य के प्रति अपनी छवि को सुधारने और बेहतर संवाद स्थापित करने की आवश्यकता है। महिला सुरक्षा राज्य सरकार की प्रमुख प्राथमिकताओं में है, और जहां महिलाएं असुरक्षित हैं, वहां विशेष निगरानी रखी जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि प्रदेश में नशे के खिलाफ माहौल बनाने के लिए धार्मिक शहरों में शराब बंदी लागू की गई है।