क्या मकोय का साग सर्दियों में खून की कमी और जोड़ों के दर्द से राहत देता है?
सारांश
Key Takeaways
- मकोय का साग शरीर को ऊर्जा और ताकत देता है।
- यह खून की कमी को दूर करने में मदद करता है।
- जोड़ों के दर्द में राहत प्रदान करता है।
- यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
- त्वचा के लिए लाभकारी है।
नई दिल्ली, 18 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। सर्दियों का मौसम ठंड, सुस्ती और आलस्य लेकर आता है, लेकिन यह मौसम शरीर को भीतर से मजबूत बनाने का एक बेहतर अवसर भी प्रदान करता है। यदि इस दौरान खानपान सही न हो, तो कमजोरी, जोड़ों का दर्द, सर्दी-खांसी और खून की कमी जैसी समस्याएं तेजी से आ सकती हैं। आयुर्वेद में सर्दियों में शरीर को गर्मी, ताकत और बीमारियों से लड़ने की शक्ति प्रदान करने वाली कई देसी साग-सब्जियों का उल्लेख किया गया है।
इनमें से एक महत्वपूर्ण है मकोय का साग, जिसे गांवों में पीढ़ियों से सेवन किया जा रहा है।
आयुर्वेद के अनुसार, मकोय का साग शरीर के दोषों को संतुलित करता है, विशेषकर वात और कफ दोष को शांत करता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, मकोय में आयरन, कैल्शियम, फाइबर, विटामिन ए, सी और कई एंटीऑक्सीडेंट तत्व होते हैं। यह साग सर्दियों में शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है और कई बीमारियों से बचाने में सहायक है।
यह शरीर में खून की कमी को दूर करता है। मकोय के साग में मौजूद आयरन नए खून के निर्माण में मदद करता है। विज्ञान भी मानता है कि आयरन हीमोग्लोबिन बढ़ाने का प्रमुख तत्व है, जो शरीर के हर हिस्से तक ऑक्सीजन पहुंचाता है। नियमित रूप से मकोय का साग खाने से शरीर में ताकत वापस लौटने लगती है।
लिवर हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है, जो खून को साफ करता है और जहरीले तत्वों को बाहर निकालता है। आयुर्वेद के अनुसार, मकोय का साग लिवर को शुद्ध करता है और पाचन अग्नि को मज़बूत बनाता है। विज्ञान के अनुसार, मकोय में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट लिवर कोशिकाओं को नुकसान से बचाते हैं। इससे लिवर बेहतर तरीके से काम करता है और शरीर में जमा गंदगी बाहर निकलती है। जो लोग अपच, गैस या लिवर से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहे हैं, उनके लिए यह साग बहुत लाभकारी है।
सर्दियों में सर्दी, खांसी और जुकाम आम समस्याएं होती हैं। आयुर्वेद मानता है कि मकोय की तासीर हल्की गर्म होती है, जो शरीर में जमी ठंड को बाहर निकालती है। यह साग रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। विज्ञान भी कहता है कि विटामिन सी और फाइटोकेमिकल्स शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं। नियमित सेवन से शरीर संक्रमण से लड़ने में सक्षम बनता है और बार-बार बीमार पड़ने की संभावना कम होती है।
सर्दियों में जोड़ों के दर्द और सूजन बढ़ जाती है। आयुर्वेद में मकोय को सूजन कम करने वाला माना गया है। इसमें मौजूद तत्व शरीर के भीतर जमा सूजन को धीरे-धीरे कम करते हैं। विज्ञान के अनुसार, मकोय में ऐसे प्राकृतिक यौगिक होते हैं जो सूजन पैदा करने वाले तत्वों को शांत करते हैं। इससे घुटनों, कमर और जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है।
त्वचा रोगों में भी मकोय का साग बेहद प्रभावी है। आयुर्वेद कहता है कि जब खून साफ होता है, तो त्वचा अपने आप स्वस्थ हो जाती है। मकोय खून को साफ करता है, जिससे फोड़े-फुंसी, खुजली और दाग-धब्बों में सुधार आता है। विज्ञान भी मानता है कि इसके एंटीऑक्सीडेंट त्वचा कोशिकाओं को नुकसान से बचाते हैं और त्वचा को अंदर से चमक देते हैं।