क्या पीएसीएल घोटाले में ईडी ने 3436 करोड़ रुपए की संपत्तियाँ कुर्क कीं?
सारांश
Key Takeaways
- ईडी ने पीएसीएल घोटाले में 3436 करोड़ रुपए की संपत्तियाँ कुर्क कीं।
- 169 अचल संपत्तियाँ लुधियाना में स्थित हैं।
- यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून के अंतर्गत की गई है।
- सीबीआई ने पहले इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी।
- जांच अभी भी जारी है और आगे की कार्रवाई संभव है।
नई दिल्ली, 18 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पर्ल्स एग्रोटेक कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पीएसीएल) से संबंधित एक बड़े घोटाले में महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
ईडी की दिल्ली जोनल यूनिट ने पंजाब के लुधियाना में 169 अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क कर दिया है, जिनकी कुल कीमत लगभग 3436.56 करोड़ रुपए है। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (पीएमएलए) 2002 के अंतर्गत की गई है।
यह मामला पीएसीएल कंपनी द्वारा की गई धोखाधड़ी से जुड़ा है, जिसमें कंपनी और उसके सहयोगियों ने लाखों गरीब निवेशकों से फर्जी सामूहिक निवेश योजनाओं के माध्यम से लगभग 48,000 करोड़ रुपए इकट्ठा किए और उनका दुरुपयोग किया।
कंपनी ने निवेशकों को जमीन या रियल एस्टेट में निवेश का लालच देकर धन जुटाया, लेकिन अधिकांश राशि का गबन कर लिया। सीबीआई ने इस घोटाले की शिकायत पर पीएसीएल लिमिटेड, पीजीएफ लिमिटेड, दिवंगत निर्मल सिंह भंगू और अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी और साजिश की धाराओं में एफआईआर दर्ज की थी। इसी आधार पर ईडी ने जांच आरंभ की।
ईडी की जांच में यह सामने आया कि निवेशकों से जुटाई गई राशि का एक बड़ा हिस्सा इन 169 संपत्तियों को पीएसीएल के नाम पर खरीदने में खर्च किया गया। ये संपत्तियां अपराध से अर्जित आय मानी जा रही हैं। अब तक ईडी ने इस मामले में कुल 5602 करोड़ रुपए की चल और अचल संपत्तियां कुर्क की हैं, जिनमें भारत के विभिन्न हिस्सों की संपत्तियां और विदेशी संपत्तियां भी शामिल हैं।
इसके साथ ही, ईडी ने एक मुख्य अभियोजन शिकायत और दो पूरक शिकायतें भी न्यायालय में प्रस्तुत की हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह घोटाला भारत के सबसे बड़े निवेश धोखाधड़ी मामलों में से एक है, जिसमें करोड़ों छोटे निवेशकों का धन फंसा हुआ है। ईडी की यह कार्रवाई निवेशकों को राहत दिलाने और अपराध की कमाई बरामद करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। जांच अभी जारी है और आगे भी संपत्तियों के कुर्क होने की संभावना है।