क्या अरुणाचल के ऊर्जा रोडमैप को मजबूती मिलेगी? उपमुख्यमंत्री ने जलविद्युत परियोजनाओं की समीक्षा की
सारांश
Key Takeaways
- जलविद्युत परियोजनाओं की समीक्षा से राज्य की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूती मिलेगी।
- डीएचपीडी 2.0 के तहत जलविद्युत विकास विभाग को सशक्त किया जाएगा।
- गोंगरी परियोजना की बहाली महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
- समीक्षा में सामरिक योजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया।
- जलविद्युत क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा।
इटानगर, 18 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। अरुणाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री चोवना मीन ने राज्य के दीर्घकालिक ऊर्जा रोडमैप को सशक्त करने के लिए प्रमुख और लघु जलविद्युत परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
उपमुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी के अनुसार, यह समीक्षा सरकार के जलविद्युत क्षेत्र को पुनर्जीवित करने के निरंतर प्रयासों का हिस्सा है। समीक्षा के दौरान तवांग-I और II, एटालिन, डेम्वे लोअर, नायिंग, कालई-I और II, हटोंग, सुबनसिरी अपर, कमला और सियांग अपर मल्टीपर्पस प्रोजेक्ट सहित कई प्रमुख परियोजनाओं की स्थिति पर चर्चा की गई।
बैठक में एटालिन जलविद्युत परियोजना (3097 मेगावाट), डेम्वे लोअर जलविद्युत परियोजना (1750 मेगावाट) और सुबनसिरी अपर जलविद्युत परियोजना (1605 मेगावाट) जैसी मेगा और बड़ी परियोजनाओं का विस्तृत आकलन किया गया।
समीक्षा में डीएचपीडी 2.0 के तहत पुनर्गठित जलविद्युत विकास विभाग के संचालन पर भी चर्चा हुई, जिसका उद्देश्य संस्थागत तंत्र को मजबूत करना और विभागों के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित करना है।
इस दौरान 144 मेगावाट की गोंगरी जलविद्युत परियोजना एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में सामने आई। यह परियोजना ‘विशेष परिस्थितियों में समाप्त बड़ी जलविद्युत परियोजनाओं की बहाली हेतु अरुणाचल प्रदेश नीति-2025’ के तहत बहाल की जाने वाली पहली परियोजना बनी है। परियोजना के डेवलपर एम/एस पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड ने इसे 48 महीनों में पूरा करने की प्रतिबद्धता जताई है, जिसके दिसंबर 2029 तक चालू होने का लक्ष्य रखा गया है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यह पूरी कवायद राज्य में रुकी हुई जलविद्युत क्षमता को पुनर्जीवित करने और क्षेत्र में समयबद्ध, जिम्मेदार और सतत विकास सुनिश्चित करने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है। उन्होंने जोर दिया कि ये पहलें नीति स्थिरता, जिम्मेदार जलविद्युत विकास और अरुणाचल प्रदेश की दीर्घकालिक ऊर्जा सुरक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।
एक अलग लेकिन संबंधित समीक्षा बैठक में उपमुख्यमंत्री ने अरुणाचल प्रदेश हाइड्रोपावर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड के तहत विकसित की जा रही जलविद्युत परियोजनाओं की भी समीक्षा की। इसमें राज्य भर में चल रही और प्रस्तावित लघु जलविद्युत परियोजनाओं पर विशेष ध्यान दिया गया।
इस समीक्षा में तवांग जिले की सुम्बाचू लघु जलविद्युत परियोजना और तकसांग चू लघु जलविद्युत परियोजना जैसी रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण योजनाओं की प्रगति, इलेक्ट्रो-मैकेनिकल कार्य, विभागीय समन्वय और समय पर क्रियान्वयन में आ रही स्थल-विशिष्ट चुनौतियों का आकलन किया गया।