क्या एसआईआर ड्राफ्ट सूची के बाद कांग्रेस ने हेल्पडेस्क खोला? गुलाम अहमद मीर ने भाजपा को निशाना बनाया
सारांश
Key Takeaways
- एसआईआर प्रक्रिया के बाद हेल्पडेस्क की स्थापना
- गुलाम अहमद मीर ने भाजपा पर आरोप लगाए
- 58 लाख लोगों का नाम सूची से बाहर रखा गया
कोलकाता, 18 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। एसआईआर प्रक्रिया के संपन्न होने के उपरांत चुनावी ड्राफ्ट लिस्ट जारी कर दी गई है। इस संदर्भ में, पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने कोलकाता में कांग्रेस राज्य कार्यालय (विधानभवन) के समक्ष एक एसआईआर हेल्पडेस्क की स्थापना की है।
इस हेल्पडेस्क का उद्घाटन ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के महासचिव और पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने राज्य के नेताओं की उपस्थिति में किया।
इस हेल्पडेस्क का मुख्य उद्देश्य उन व्यक्तियों की सहायता करना है जिनका नाम ड्राफ्ट लिस्ट में शामिल नहीं किया गया है। हेल्पडेस्क पर उपस्थित कार्यकर्ता उन लोगों को मार्गदर्शन प्रदान करेंगे जिनका नाम सूची में नहीं है और जिन्हें सुनवाई के लिए उपस्थित होना है, साथ ही उन लोगों को भी जो अपने दिवंगत रिश्तेदारों के नाम को लेकर चिंतित हैं।
गुलाम अहमद मीर ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में एसआईआर प्रक्रिया के पहले बिहार में यह किया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने चुनाव आयोग का दुरुपयोग किया है।
उन्होंने बिहार में हुई एसआईआर पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस प्रक्रिया का आरंभ ऐसे दावे के साथ किया गया था कि वहां बड़ी संख्या में घुसपैठिए हैं, लेकिन केवल 312 लोग ही पूरे दस्तावेज जमा नहीं कर सके।
गुलाम अहमद मीर ने कहा कि पश्चिम बंगाल में ऐसी हवा बनाई गई है जैसे यह राज्य घुसपैठियों से भरा हुआ है। पहली ड्राफ्ट लिस्ट में 58 लाख लोगों को सूची से बाहर रखा गया है, जिसमें 20 से 22 लाख मृतक वोटर शामिल हैं। चुनाव आयोग को साल में दो बार मतदाता सूची को अपडेट करना चाहिए। इसका अर्थ है कि चुनाव आयोग अपनी जिम्मेदारियों को ठीक से निभा नहीं रहा है।
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग की नाकामी है कि वे अब 22 लाख वोटरों को मृतक बता रहे हैं। कई लोग जिन्दा हैं, उनके नाम सूची में मरे हुए दर्शाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि देश के नागरिक यदि जानकारी के अभाव में सुविधाओं से वंचित रह जाते हैं, तो यह चुनाव आयोग का बड़ा अपराध होगा।