क्या भारत का फाइटर जेट तेजस भरोसेमंद है? प्रधानमंत्री, वायु सेना और थल सेना प्रमुख भर चुके हैं उड़ान
सारांश
Key Takeaways
- तेजस एक स्वदेशी लड़ाकू विमान है।
- प्रधानमंत्री ने तेजस में उड़ान भरी है।
- तेजस में जीई-404 इंजन उपयोग किया जा रहा है।
- तेजस ने कई एयर शो में अपनी क्षमता साबित की है।
- तेजस का अगला संस्करण भारतीय वायु सेना में शामिल होगा।
नई दिल्ली, 21 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। तेजस लड़ाकू विमान शुक्रवार को दुबई एयर शो में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, लेकिन यह विमान अब तक अत्यंत सफल, सुरक्षित और भरोसेमंद रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं तेजस लड़ाकू विमान में उड़ान भर चुके हैं।
प्रधानमंत्री ने तेजस में उड़ान भरने का अनुभव सोशल मीडिया पर साझा किया था। इससे न केवल 140 करोड़ भारतवासियों बल्कि समस्त विश्व का भरोसा तेजस पर और भी मजबूत हुआ। वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह ने भी कई मौकों पर तेजस लड़ाकू विमान उड़ाया है।
बेंगलुरु में आयोजित एयरो इंडिया-2025 से एक दिन पहले, थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने भी वायु सेना प्रमुख के साथ तेजस की उड़ान भरी थी। तेजस एक स्वदेशी लड़ाकू विमान है, जिसका निर्माण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) कर रहा है।
हाल ही में भारतीय वायु सेना के 93वें स्थापना दिवस समारोह के तहत, रविवार 9 नवंबर को गुवाहाटी में ब्रह्मपुत्र नदी के ऊपर भव्य फ्लाई पास्ट हुआ था। वायु सेना के फ्लाई पास्ट में तेजस विमान आसमान में गर्जना करते दिखाई दिए थे। तेजस लड़ाकू विमानों की इस गर्जना और जांबाजी से वहां मौजूद दर्शक मंत्रमुग्ध रह गए थे।
तेजस अब तक कई एयर शो का हिस्सा बनकर जनसमूह को रोमांचित कर चुका है, लेकिन आज से पहले किसी एयर शो में विमान को किसी भी खामी का सामना नहीं करना पड़ा। लाचित घाट, गुवाहाटी में आयोजित इस कार्यक्रम में दर्शकों की तालियों और जयकारों के बीच भारतीय वायु सेना के तेजस ने अपनी निपुणता और सामरिक क्षमता का शानदार प्रदर्शन किया था।
भारत के हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक के बीच हाल ही में 7 नवंबर को एक महत्वपूर्ण समझौता हुआ है। यह समझौता भारत के इस स्वदेशी लड़ाकू विमान के इंजन को लेकर है। अमेरिकी कंपनी इस समझौते के तहत भारत को 113 जेट इंजन सप्लाई करेगी। जेट इंजन की ये सप्लाई वर्ष 2032 तक पूरी होने की संभावना है। एचएएल ने 7 नवंबर को जीई के साथ इसके लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
इस समझौते में कुल 113 एफ 404‑जीई‑आईएन 20 इंजन एवं 97 एलसीए एमके 1ए कार्यक्रम के क्रियान्वयन हेतु स्पोर्ट पैकेज शामिल है। यह समझौता भारत के लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट, एलसीए एमके 1ए कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए है। यह ध्यान देने योग्य है कि दोनों कंपनियों के बीच यह पहली डील नहीं है। इससे पहले 2021 में दोनों कंपनियों के बीच 99 इंजन का एक समझौता हुआ था, लेकिन नया समझौता (113 इंजन) उसका फॉलो-ऑन ऑर्डर है।
गौरतलब है कि 62 हजार करोड़ रुपए से अधिक की लागत से भारतीय वायु सेना को 97 स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट उपलब्ध कराए जाने हैं। इन स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस की आपूर्ति हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) करेगा और एचएएल को इंजन अमेरिकी कंपनी देगी।
रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि अब तक तेजस की प्रदर्शन शानदार रही है। न केवल एयर शो बल्कि विभिन्न मौकों पर तेजस ने अपनी क्षमता को साबित किया है। यह भारतीय वायु सेना में अपना स्थान बना चुका है। तेजस के आधुनिक वेरिएंट भारतीय वायु सेना में मिग लड़ाकू विमानों की जगह ले रहे हैं। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि अब एक गहन जांच के उपरांत ही पता चल सकेगा कि आखिर किन कारणों से दुबई में भारत का यह भरोसेमंद लड़ाकू विमान हादसे का शिकार हुआ है।