क्या बिहार में घुसपैठियों के नाम हटने से कांग्रेस का वोट बैंक खत्म हो गया?
सारांश
Key Takeaways
- बिहार चुनाव में घुसपैठियों के नाम हटने से कांग्रेस को नुकसान हो सकता है।
- एनडीए को जनता का समर्थन मिल सकता है।
- राहुल गांधी ने हार का बयान देकर अपनी चिंता व्यक्त की है।
- बिहार का विकास और भयमुक्त वातावरण महत्वपूर्ण है।
- युवाओं में विकासवाद की भावना बढ़ रही है।
नई दिल्ली, 6 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार चुनाव के बीच केंद्रीय मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने कांग्रेस और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी का सच्चाई से सामना किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में हार का डर बढ़ गया है, क्योंकि एसआईआर प्रक्रिया के दौरान घुसपैठियों के नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए गए हैं, जिससे कांग्रेस का वोट बैंक कमजोर हो गया है।
केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि बिहार का चुनाव एक नए स्तर पर लड़ा जा रहा है। सीएम नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बिहार में समग्र विकास हुआ है। बिहार में लंबे समय से चला आ रहा जंगलराज समाप्त हो गया है और बेरोजगारी में कमी आई है। डबल इंजन की सरकार ने बिहार को भयमुक्त बना दिया है।
उन्होंने कहा कि इस बार की जनता ने ठान लिया है कि बिहार में एनडीए को प्रचंड बहुमत से जीत दिलानी है।
हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि राहुल गांधी को अब यह समझ में आ गया है कि महाठगबंधन बुरी तरह हारने वाला है, इसलिए उन्होंने हार का बयान देना शुरू कर दिया है। उन्हें पता है कि बिहार में एसआईआर प्रक्रिया के दौरान वोटर लिस्ट से घुसपैठियों के नाम हटा दिए गए हैं, जबकि कांग्रेस का असली वोट बैंक यही घुसपैठिए थे। ऐसे में कांग्रेस को लगने लगा है कि चुनाव में करारी हार निश्चित है। यही कारण है कि राहुल गांधी प्रेस कॉन्फ्रेंस में हार का बयान दे रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि बिहार में युवा जातिवाद से बाहर निकलकर विकास की ओर बढ़ रहा है, क्योंकि यहाँ का युवा अब अपनी और अपने राज्य की तरक्की चाहता है। यही कारण है कि बिहार में प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम की लहर चल रही है। केंद्रीय मंत्री ने महागठबंधन को महाठगबंधन बताया।