क्या भाजपा के सीलिंग अभियान से चांदनी चौक के व्यापारियों को नुकसान होगा?

सारांश
Key Takeaways
- सीलिंग अभियान से व्यापारियों पर असर पड़ रहा है।
- भाजपा पर व्यापारियों से पैसे वसूलने का आरोप है।
- चांदनी चौक का क्षेत्र ऐतिहासिक है।
- आप ने भाजपा की नीतियों की आलोचना की है।
- पिछले समय में भी भाजपा ने ऐसे अभियान चलाए थे।
नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। जब से भाजपा दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में सत्ता में आई है, तब से सीलिंग अभियान फिर से शुरू कर दिया गया है। आम आदमी पार्टी ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। आप के एमसीडी नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा ने चांदनी चौक के ऐतिहासिक व्यापारिक क्षेत्र में दुकानों को आवासीय घोषित करके सील करना शुरू कर दिया है। भैया दूज के दिन, यानि गुरुवार को, चांदनी चौक के गंडेश्वर कटरा नील में कई दुकानों और भवनों को सील किया गया, जिससे व्यापारियों में भारी रोष उत्पन्न हुआ है।
अंकुश नारंग ने कहा कि भाजपा ने 2004 से 2007 के बीच भी इसी तरह के सीलिंग अभियान से दिल्ली की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया था, और अब वही स्थिति फिर से उत्पन्न हो रही है। उन्होंने कहा कि चांदनी चौक एक ऐतिहासिक और संरक्षित क्षेत्र है, जहां दशकों से व्यापारिक गतिविधियों के साथ-साथ आवासीय उपयोग भी होता आया है।
उन्होंने कहा, “यहां की दुकानें पुश्तैनी हैं, लेकिन भाजपा इन्हें आवासीय घोषित कर सील कर रही है।” आप नेता ने भाजपा पर व्यापारियों से पैसे वसूलने का आरोप लगाते हुए कहा, “जो व्यापारी पैसे देते हैं, उनकी दुकानें खुली रहती हैं, जबकि जो इनकार करते हैं, उनकी दुकानें सील कर दी जाती हैं।”
नारंग ने भाजपा सांसदों पर निशाना साधते हुए कहा, “जो सांसद व्यापारियों के दम पर सत्ता में पहुंचे हैं, आज वही व्यापारी सीलिंग अभियान का शिकार हो रहे हैं।” उन्होंने कहा कि भाजपा का यह रवैया न केवल व्यापारियों के साथ धोखा है, बल्कि दिल्ली की अर्थव्यवस्था के लिए भी अत्यंत हानिकारक है।
उन्होंने आरोप लगाया कि एमसीडी में 'नोट,' यानी पैसे, जहां से मिल जाते हैं, वहां सीलिंग रोक दी जाती है, जबकि अन्य दुकानों पर कार्रवाई की जाती है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा बार-बार कोर्ट का हवाला देकर गलत तथ्य प्रस्तुत करती है और सत्ता में आने के बाद मनमाने ढंग से दुकानों को सील करने का काम करती है।
उन्होंने कहा, “भाजपा वोट के समय व्यापारियों से वादे करती है और सत्ता में आते ही उन्हीं के रोजगार पर प्रहार करती है।”