क्या नई पीढ़ी को आपातकाल के काले अध्याय से अवगत होना चाहिए? : योगेंद्र उपाध्याय

सारांश
Key Takeaways
- आपातकाल का इतिहास जानना आवश्यक है।
- कांग्रेस को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।
- भाजपा 'संविधान हत्या दिवस' मना रही है।
- नई पीढ़ी को जागरूक करने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
- वृंदावन कॉरिडोर पर भी चर्चा हो रही है।
आगरा, 24 जून (राष्ट्र प्रेस)। आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कांग्रेस पार्टी पर तीखा प्रहार किया है। उपाध्याय ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 25 जून को पूरे देश में ‘संविधान हत्या दिवस’ मनाने जा रही है। उनका कहना है कि नई पीढ़ी को आपातकाल के काले अध्याय के बारे में जानना आवश्यक है और कांग्रेस को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।
उन्होंने कहा, “25 जून 1975 भारतीय इतिहास का एक काला अध्याय है, जब तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने सत्ता की लालसा में आपातकाल लागू कर देश को जेलखाना बना दिया। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को छीन लिया गया। ‘नो अपील, नो वकील, नो दलील’ के आधार पर अटल बिहारी वाजपेयी जैसे बड़े नेताओं से लेकर छोटे कार्यकर्ताओं तक को जेल में डाल दिया गया। यह सब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की देन थी, जिन्हें हाईकोर्ट ने चुनाव याचिका में दोषी ठहराकर छह साल के लिए अयोग्य घोषित किया था। सत्ता बचाने के लिए उन्होंने यह कदम उठाया।”
योगेंद्र उपाध्याय ने आगे कहा कि आपातकाल के दौरान राजनीतिक, सांस्कृतिक और सामाजिक संगठनों का व्यापक उत्पीड़न हुआ। 1977 के चुनाव में जनता ने आपातकाल के जिम्मेदारों को सत्ता से बेदखल कर दिया। इस काले इतिहास को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए भाजपा पूरे देश में कार्यक्रम आयोजित कर रही है।
उन्होंने हाल के लोकसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा, “कुछ लोग संविधान की छोटी-सी किताब लेकर प्रचार करते थे कि यदि पीएम मोदी तीसरी बार सत्ता में आएंगे तो संविधान और आरक्षण खत्म कर देंगे। लेकिन पीएम मोदी तीसरी बार सत्ता में आए, न संविधान बदला, न आरक्षण खत्म हुआ। जो लोग आज संविधान की दुहाई देते हैं, उनकी पार्टी ने ही इसका गला घोंटा था। जनता को यह सच जानना चाहिए। कांग्रेस को देश से माफी मांगनी चाहिए।”
दूसरी ओर वृंदावन कॉरिडोर को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। सपा के राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन ने आरोप लगाया कि योगी सरकार इस परियोजना को जनता पर थोप रही है। जवाब में योगेंद्र उपाध्याय ने कहा, “इतिहास गवाह है कि बड़े कार्यों के लिए छोटे स्वार्थों को नजरअंदाज करना पड़ता है। काशी और अयोध्या को विश्वस्तरीय शहर बनाया गया, जिससे वहां प्रति व्यक्ति आय बढ़ी और रोजगार के अवसर पैदा हुए। वृंदावन में भी ऐसा ही भव्य विकास होगा।”
उन्होंने सुमन पर निशाना साधते हुए कहा, “कुछ स्वार्थी लोग इसका विरोध कर रहे हैं। मुझे नहीं लगता कि सुमन कभी मथुरा में बिहारी जी के दर्शन के लिए गए होंगे। मथुरा, काशी और अयोध्या हमारे आस्था के केंद्र हैं। मथुरा श्रीकृष्ण से जुड़ा है, काशी शिव से। ऐसे में विरोध करने वाले राष्ट्रीय और सामाजिक हितों के खिलाफ काम कर रहे हैं। मथुरा की सांसद हेमा मालिनी इस परियोजना का समर्थन कर रही हैं और विरोध करने वालों को जनहित में इसका समर्थन करना चाहिए।”