क्या नीतीश की फ्री बिजली योजना सिर्फ एक चुनावी चाल है?

सारांश
Key Takeaways
- नीतीश कुमार की मुफ्त बिजली योजना पर विपक्ष का कड़ा विरोध
- कांग्रेस नेता अखिलेश प्रसाद सिंह ने गंभीर आरोप लगाए
- स्मार्ट मीटर के कारण बढ़ा बिजली बिल
- बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति चिंताजनक
- अगले चुनाव में जनता के रुख पर नजर
पटना, 17 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में 1 अगस्त से 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की घोषणा पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कांग्रेस नेता अखिलेश प्रसाद सिंह ने इसे चुनावी हथकंडा बताते हुए नीतीश सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए।
अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि बिहार में बीते 20 वर्षों के शासन में विकास के नाम पर केवल वादे किए गए हैं और राज्य हर क्षेत्र में पीछे रह गया है। उन्होंने स्मार्ट मीटर के नाम पर बिजली बिल को तीन से चार गुना बढ़ाने का आरोप लगाया।
उन्होंने राष्ट्र प्रेस के साथ बातचीत में कहा कि स्मार्ट मीटर के कारण बिजली का खर्च बढ़ गया है। निजीकरण के बाद बिजली कंपनियों के खिलाफ आंदोलन हुए, लेकिन सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया। 125 यूनिट मुफ्त बिजली की घोषणा को विपक्ष ने चुनावी स्टंट करार दिया।
उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले जनता को लुभाने के लिए इस तरह की घोषणाएं सामान्य हैं, लेकिन बिहार के लोग अब इन वादों को समझ चुके हैं। नीति आयोग की हालिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए अखिलेश सिंह ने कहा कि औद्योगीकरण, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में बिहार 28 बड़े राज्यों में सबसे निचले पायदान पर है। बिहार की कानून-व्यवस्था पर भी उन्होंने नीतीश सरकार को घेरा।
उन्होंने कहा कि राजधानी पटना में अपराध की स्थिति गंभीर है। हाल ही में एक अस्पताल के आईसीयू में घुसकर अपराधियों ने हत्या की, जो कानून-व्यवस्था की बदहाली को दिखाता है। पिछले एक साल में केवल पटना में 120 से अधिक हत्याएं हो चुकी हैं। उन्होंने नीतीश कुमार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कठपुतली बताते हुए कहा कि उनकी सरकार भाजपा के नेतृत्व में बंधक बन गई है। आगामी चुनाव को लेकर उन्होंने दावा किया कि जनता नीतीश सरकार को सबक सिखाएगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार दौरे पर भी विपक्ष ने तंज कसा। नेताओं ने कहा कि दस साल पहले भी पीएम ने मोतिहारी में बंद चीनी मिल को चालू करने का वादा किया था, जो आज तक पूरा नहीं हुआ। 1.25 लाख करोड़ और 1.80 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणाएं भी बिहार को “सिंगापुर” बनाने का सपना दिखाने तक सीमित रहीं। कांग्रेस नेता ने कहा कि बिहार की जनता अब इन वादों का सच जान चुकी है और जवाब मांगेगी।