क्या पुलिस झंडा दिवस पर अपराध में कमी का उत्सव मनाना चाहिए: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल?

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क्या पुलिस झंडा दिवस पर अपराध में कमी का उत्सव मनाना चाहिए: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल?

सारांश

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने पुलिस झंडा दिवस पर कहा कि इसे सिर्फ रस्म नहीं, बल्कि अपराध में कमी और पुलिस की उपलब्धियों का उत्सव बनाया जाना चाहिए। इस अवसर पर महिला पुलिसकर्मियों के नवाचार और समाज सेवा में योगदान पर भी जोर दिया गया।

Key Takeaways

  • पुलिस झंडा दिवस पर अपराध में कमी का उत्सव मनाने का सुझाव।
  • महिला पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षण पर जोर।
  • एचपीवी वैक्सीनेशन अभियान का महत्व।
  • आयुष्मान भारत योजना में सुधार की आवश्यकता।
  • राज्यपाल द्वारा पुलिस विभाग की उपलब्धियों की सराहना।

लखनऊ, 23 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल रविवार को पुलिस झंडा दिवस पर राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित रहीं। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश आर्थिक अपराध विंग की महानिदेशक नीरा रावत ने राज्यपाल को फ्लैग प्रदान किया। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने यह कहा कि इस दिन केवल फ्लैग लगाने की रस्म न हो, बल्कि इसे पुलिस विभाग की उपलब्धियों, अपराध नियंत्रण, नवाचार और समाज सेवा में किए गए योगदान का वार्षिक उत्सव बनाना चाहिए।

पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्णा ने राज्यपाल को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मान प्रकट किया।

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा, "पुलिस झंडा दिवस इस बात का उत्सव होना चाहिए कि कितना अपराध कम हुआ, कौन-कौन से नवाचार किए गए और समाज सेवा में कितना योगदान दिया गया।"

उन्होंने इसे वर्षभर की कार्यप्रगति का प्रतिबिंब बताते हुए इसे और प्रभावी बनाने पर बल दिया। राजभवन में हुए संवाद में राज्यपाल ने 9-14 वर्ष की बालिकाओं के लिए संचालित एचपीवी वैक्सीनेशन अभियान पर विशेष चर्चा की।

उन्होंने स्पष्ट कहा कि पुलिसकर्मियों की सभी बेटियों को यह वैक्सीन अनिवार्य रूप से लगनी चाहिए। गर्भाशय ग्रीवा संबंधी बीमारियों की शुरुआती जांच पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि रोग की पहचान शुरुआती अवस्था में हो जाए तो उपचार सरल होता है, जबकि देरी समस्याएं बढ़ा देती है।

उन्होंने एचपीवी वैक्सीनेशन अभियान को शत-प्रतिशत पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि इसकी शुरुआत राजभवन यूपी से हुई और अब यह विश्वविद्यालयों, प्राथमिक विद्यालयों, कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों और पुलिसकर्मियों की पुत्रियों तक प्रभावी रूप से पहुंच चुका है।

आयुष्मान भारत योजना पर चर्चा करते हुए राज्यपाल ने वर्तमान प्रावधानों में सुधार की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि कई परिवार योजना के लाभ से वंचित रह जाते हैं।

उन्होंने सुझाव दिया कि अधिक से अधिक लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए नियमों में संशोधन करना चाहिए। महिला पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षण, सुरक्षा और उनकी समस्याओं के समाधान पर राज्यपाल ने नियमित बैठकें आयोजित करने की जरूरत बताई।

उन्होंने कहा कि ड्यूटी के बाद उपलब्ध समय में महिला पुलिसकर्मियों को नवाचार और कौशल सीखने के अवसर मिलें ताकि वे आत्मनिर्भरता और पेशेवर दक्षता बढ़ा सकें।

राजभवन में तैनात पुलिसकर्मियों की सराहना करते हुए राज्यपाल ने कहा कि वे न केवल अनुशासित हैं बल्कि समाजोपयोगी और रचनात्मक कार्यों में भी अग्रणी हैं। पांच विद्यालयों के बच्चों को बैंड प्रशिक्षण देना, 26 जनवरी की परेड में सर्वोच्च स्थान हासिल करने में सहयोग, बांसुरी वादन और अन्य रचनात्मक गतिविधियों का प्रशिक्षण तथा स्वच्छता के प्रति जागरूकता- ये सभी उनके प्रेरक प्रयास हैं।

अपने गुजरात कार्यकाल का अनुभव साझा करते हुए राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बताया कि वहां पुलिस विभाग के साथ मिलकर अनेक जनहितकारी और नवाचारी परियोजनाएं चलाईं, जिनके सकारात्मक परिणाम आज भी दृष्टिगोचर हैं।

Point of View

और महिला पुलिसकर्मियों के लिए अवसर पैदा करना भी एक सकारात्मक कदम है।
NationPress
27/11/2025

Frequently Asked Questions

पुलिस झंडा दिवस क्या है?
पुलिस झंडा दिवस हर साल पुलिस विभाग की उपलब्धियों और समाज सेवा में उनके योगदान को मान्यता देने के लिए मनाया जाता है।
राज्यपाल ने किस चीज़ पर जोर दिया?
राज्यपाल ने महिला पुलिसकर्मियों की प्रशिक्षण और उनके योगदान पर जोर दिया।
एचपीवी वैक्सीनेशन अभियान क्या है?
यह अभियान 9-14 वर्ष की बालिकाओं के लिए गर्भाशय ग्रीवा संबंधी बीमारियों से सुरक्षा के लिए वैक्सीनेशन प्रदान करता है।
राज्यपाल ने किस योजना पर चर्चा की?
राज्यपाल ने आयुष्मान भारत योजना में सुधार की आवश्यकता की बात कही।
पुलिस झंडा दिवस पर क्या कार्यक्रम आयोजित किया गया?
इस अवसर पर राज्यपाल ने फ्लैग लगाया और पुलिस विभाग की उपलब्धियों का जिक्र किया।
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