क्या केरल के मुख्यमंत्री विजयन को माफी मांगनी चाहिए?

सारांश
Key Takeaways
- विजयन का बयान विवाद का कारण बना है।
- भाजपा ने माफी की मांग की है।
- संघ की तुलना इजरायली जायोनिस्टों से की गई।
- कांग्रेस के नेताओं ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी।
- रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया।
नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तुलना इजरायल के जायोनिस्टों से करने वाले बयान ने सियासत को उफान पर ला दिया है। भाजपा के प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि विजयन को माफी मांगनी चाहिए।
शाहनवाज हुसैन ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "मुख्यमंत्री का यह बयान अत्यंत आपत्तिजनक है, विशेष रूप से उनके द्वारा उपयोग की गई भाषा के संदर्भ में। जिस संगठन ने भारत की सेवा में सौ वर्ष लगाए हैं, जिसने दो प्रधानमंत्री दिए हैं, उसके प्रति ऐसा बयान देना हमारी संस्कृति का अपमान है। उन्हें माफी मांगनी चाहिए।"
कांग्रेस नेता उदित राज के बयान पर हुसैन ने कहा कि कांग्रेस नेता भाषा की मर्यादा का उल्लंघन कर रहे हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ देश और उसके नागरिकों से प्रेम करता है, समाज के सभी वर्गों के लिए काम करता है और सेवा के लिए समर्पित है। यह केवल एक संगठन नहीं है, बल्कि यह देश के लोगों को जोड़ने का कार्य करता है।
उन्होंने आगे कहा कि इस तरह का बयान देकर देश का अपमान किया गया है। संघ ने सभी वर्गों को एक साथ लाने का कार्य किया है और उसके सदस्य हमेशा देश की सेवा में तत्पर रहते हैं। ऐसे बयान देने के परिणामस्वरूप कांग्रेस को खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
शाहनवाज हुसैन ने यह भी कहा कि रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान को विजयादशमी पर उसकी औकात दिखा दी है। पाकिस्तान को स्पष्ट कर दिया गया है कि कराची का रास्ता सर क्रीक से होकर गुजरता है। यदि सर क्रीक में किसी भी प्रकार का दुस्साहस किया गया, तो भारत का जवाब ऐसा होगा कि इतिहास और भूगोल बदल जाएगा।