क्या नियंत्रण के लिए नया कानून बनाया जा रहा है? : भूपेश बघेल

सारांश
Key Takeaways
- विधेयक का उद्देश्य गंभीर आरोपों में गिरफ्तार नेताओं को हटाना है।
- भूपेश बघेल ने विधेयक को असंवैधानिक बताया।
- राजनीतिक नियंत्रण और लोकतंत्र का संतुलन महत्वपूर्ण है।
- छत्तीसगढ़ में मंत्रियों की संख्या पर विवाद बढ़ रहा है।
- कानून को पारदर्शिता से लागू करना आवश्यक है।
रायपुर, 20 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तार प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को हटाने के लिए लोकसभा में एक विधेयक प्रस्तुत किया। इस पर छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने अपनी प्रतिक्रिया दी।
भूपेश बघेल ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि यह विधेयक देश भर के मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों और केंद्रीय मंत्रियों को नियंत्रित करने हेतु बनाया गया है। अगर आज इस प्रकार का प्रावधान लागू होता है, तो आपको एक महीने नहीं, बल्कि पांच महीने तक भी जमानत नहीं मिलेगी। अर्थात्, आप अपना मंत्री पद खो देंगे। वे नियंत्रण हेतु यह नया कानून बना रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय मंत्रिमंडल में नए मंत्रियों को शामिल किया गया है। इस पर भूपेश बघेल ने नए मंत्रियों को बधाई दी। उन्होंने यह सवाल उठाया कि जब रमन सिंह मुख्यमंत्री थे, तब अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने एक कानून पारित किया। इसके तहत मंत्रिमंडल का आकार जितने विधानसभा सदस्य हैं, उसका 15 प्रतिशत होगा। इस कारण उस समय रमन सिंह के मंत्रिमंडल का आकार छोटा करना पड़ा। तब से छत्तीसगढ़ में केवल 13 मंत्री ही रहे हैं, जबकि हरियाणा में 90 विधानसभा सीटें हैं और 14 मंत्री हैं।
उन्होंने कहा कि जब मैं मुख्यमंत्री बना तो प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा कि हमें 14 सदस्य रखने की अनुमति दी जाए। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सवाल यह है कि क्या विष्णुदेव साय की सरकार को 14 मंत्री रखने की अनुमति मिल गई है? यदि ऐसा हुआ है तो यह एक अच्छी बात है और उसके अनुमति पत्र को सार्वजनिक किया जाना चाहिए। यदि ऐसा नहीं हुआ है तो यह जो विस्तार है, वह असंवैधानिक है।