क्या लोकसभा में एसआईआर को लेकर हंगामा बढ़ेगा? स्पीकर ओम बिरला ने विपक्ष को दी शिष्टाचार की सलाह

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क्या लोकसभा में एसआईआर को लेकर हंगामा बढ़ेगा? स्पीकर ओम बिरला ने विपक्ष को दी शिष्टाचार की सलाह

सारांश

लोकसभा का शीतकालीन सत्र विरोध और नारेबाजी के बीच शुरू हुआ। विपक्ष ने एसआईआर के मुद्दे पर चर्चा की मांग की। स्पीकर ओम बिरला ने शिष्टाचार का पालन करने की सलाह दी। जानिए इस राजनीतिक संघर्ष के पीछे क्या वजह है?

Key Takeaways

  • लोकसभा का शीतकालीन सत्र विरोध और नारेबाजी के बीच प्रारंभ हुआ।
  • विपक्ष ने एसआईआर के मुद्दे पर चर्चा की मांग की।
  • स्पीकर ओम बिरला ने सांसदों को शिष्टाचार की सलाह दी।
  • सदन की कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित की गई।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असंयमित व्यवहार से बचने की चेतावनी दी।

नई दिल्ली, २ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा का शीतकालीन सत्र मंगलवार को भी विरोध और नारेबाजी के बीच आरंभ हुआ। विपक्षी सांसदों ने एसआईआर के मुद्दे पर चर्चा करने की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। एसआईआर देश के कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चुनावी मतदाता सूची की विशेष समीक्षा का कार्यक्रम है।

जैसे ही प्रश्नकाल प्रारंभ हुआ, विपक्ष के सांसद अपने स्थानों से उठकर जोर-जोर से नारे लगाने लगे, 'एसआईआर पर चर्चा करो।' उन्होंने इस मुद्दे पर तत्काल बहस की मांग की।

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने बार-बार सांसदों से उनके स्थानों पर लौटने और सदन की कार्यवाही जारी रखने का अनुरोध किया, लेकिन नारेबाजी लगातार जारी रही।

इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए स्पीकर ने कहा, "आज जो व्यवहार मैं सदन और सदन के बाहर देख रहा हूं, जिसमें सांसद संसद के बारे में बोल रहे हैं, वह न केवल संसद के खिलाफ है बल्कि देश के खिलाफ भी है। लोकतंत्र में विपक्ष होना चाहिए, लेकिन गौरव और शिष्टाचार होना चाहिए।"

उन्होंने यह भी कहा कि विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में, जो दुनिया का मार्गदर्शन करता है, हमारी संसदीय परंपराएं और गरिमा उच्चतम स्तर की होनी चाहिए।

सदन में विरोध का स्वर कम नहीं हुआ और सदन को दोपहर तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

जानकारी के अनुसार, शीतकालीन सत्र की शुरुआत उथल-पुथल भरे माहौल में हुई थी, जब सोमवार को लोकसभा में बिहार विधानसभा चुनावों में कथित 'वोट चोरी' के आरोप और एसआईआर प्रक्रिया को लेकर विरोध प्रदर्शन हुआ था।

सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांसदों को असंयमित व्यवहार से बचने की चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था कि संसद में 'ड्रामा' नहीं होना चाहिए और संसदीय ध्यान नीति निर्माण पर होना चाहिए, न कि नारेबाजी पर।

मीडिया संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, "ड्रामा करने के लिए बहुत सी जगहें हैं। जो कोई भी करना चाहता है, वह करता रहे। यहां ड्रामा नहीं, बल्कि डिलीवरी होनी चाहिए। नारों के लिए भी पूरा देश मौजूद है, जहां चाहो नारे लगाओ। तुमने वहां नारे लगाए जहां तुम हारे थे, अब वहां नारे लगाओ जहां तुम हारोगे। हालांकि, यहां फोकस नीति पर होना चाहिए, नारों पर नहीं।"

Point of View

शिष्टाचार का पालन करना भी उतना ही आवश्यक है। लोकतंत्र की मजबूती के लिए यह जरूरी है कि हम विचारों का आदान-प्रदान करें, लेकिन यह भी सुनिश्चित करें कि हमारा व्यवहार गरिमापूर्ण हो।
NationPress
09/12/2025

Frequently Asked Questions

एसआईआर क्या है?
एसआईआर का मतलब है विशेष समीक्षा कार्यक्रम, जो चुनावी मतदाता सूची की समीक्षा करता है।
लोकसभा में हंगामा क्यों हुआ?
विपक्ष ने एसआईआर के मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।
स्पीकर ओम बिरला ने सांसदों को क्या सलाह दी?
उन्होंने सांसदों को सदन में शिष्टाचार का पालन करने की सलाह दी।
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