क्या ममता बनर्जी केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध कर रही हैं? सिद्धलिंग स्वामी का आरोप

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क्या ममता बनर्जी केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध कर रही हैं? सिद्धलिंग स्वामी का आरोप

सारांश

कर्नाटक शिवसेना के प्रदेश अध्यक्ष सिद्धलिंग स्वामी ने श्रम संहिता सुधारों का स्वागत किया है और ममता बनर्जी पर केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध करने का आरोप लगाया है। क्या यह राजनीतिक संघर्ष चुनावों पर असर डाल सकता है?

Key Takeaways

  • केंद्र सरकार ने श्रम संहिता में सुधार किए हैं।
  • सिद्धलिंग स्वामी ने ममता बनर्जी पर आरोप लगाया है।
  • श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा की गारंटी दी गई है।
  • यह कदम श्रम कानूनों में ऐतिहासिक बदलाव है।
  • सभी को एकजुट होकर देश के विकास में योगदान देना चाहिए।

धारवाड़, 23 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। कर्नाटक शिवसेना के प्रदेश अध्यक्ष सिद्धलिंग स्वामी ने नए श्रम संहिता सुधारों का स्वागत करते हुए केंद्र सरकार का धन्यवाद किया है। उन्होंने इसे श्रमिकों के विकास के लिए केंद्र द्वारा उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

सिद्धलिंग स्वामी ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि केंद्र सरकार ने श्रमिकों के उद्धार के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। श्रमिकों को जो मिलना चाहिए, उसके लिए श्रम संहिता लाई गई है। इस निर्णय का स्वागत किया जाना चाहिए। वहीं, ममता बनर्जी की सरकार ने केंद्र सरकार के इस फैसले का विरोध किया है और इसे लागू करने से मना कर दिया है।

उन्होंने कहा कि जो अच्छे कार्य एनडीए और नरेंद्र मोदी की सरकार कर रही है, उनका पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी विरोध कर रही हैं। यह उचित नहीं है। आने वाले समय में उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। चुनाव में हार का भी सामना करना पड़ सकता है।

सिद्धलिंग स्वामी ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लिया गया निर्णय लागू होना चाहिए। हम पश्चिम बंगाल की सरकार को आगाह कर रहे हैं।

श्रम संहिता को लेकर श्रम और रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने बताया कि इससे सभी कामगारों को समय पर न्यूनतम वेतन की गारंटी, युवाओं को नियुक्ति पत्र की गारंटी, महिलाओं को समान वेतन और सम्मान की गारंटी, और 40 करोड़ श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा की गारंटी

इसके साथ ही फिक्स टर्म एम्प्लॉईस को एक साल बाद ग्रेच्युटी की गारंटी, 40 साल से अधिक आयु वाले श्रमिकों को सालाना मुफ्त स्वास्थ्य जांच की गारंटी, ओवरटाइम करने पर दोगुने वेतन की गारंटी, जोखिम-भरे क्षेत्रों के कामगारों को 100 प्रतिशत स्वास्थ्य सुरक्षा की गारंटी और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार श्रमिकों को सामाजिक न्याय की गारंटी मिलने वाली है।

बता दें कि राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त 14 श्रमिक संगठनों का गैर-राजनीतिक संयुक्त महासंगठन ‘द कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल ट्रेड यूनियन्स’ ने भारत सरकार द्वारा लागू किए गए चारों श्रम संहिताओं का स्वागत किया है। महासंगठन ने कहा है कि यह कदम देश के श्रम कानूनों में एक ऐतिहासिक बदलाव है।

Point of View

NationPress
23/11/2025

Frequently Asked Questions

केंद्र सरकार ने नए श्रम संहिता में क्या सुधार किए हैं?
केंद्र सरकार ने श्रमिकों को न्यूनतम वेतन, नियुक्ति पत्र की गारंटी, समान वेतन और सामाजिक सुरक्षा देने के लिए नए श्रम संहिता में कई महत्वपूर्ण सुधार किए हैं।
क्या ममता बनर्जी का केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध सही है?
विरोध का मुद्दा राजनीतिक है, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए श्रमिकों के हित में कदमों का समर्थन किया जाना चाहिए।
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