क्या टेक कंपनी मेटा ने 2028 में एशिया-प्रशांत की सबसे बड़ी क्षमता वाली सब-सी केबल का लॉन्च किया है?

सारांश
Key Takeaways
- कैंडल केबल 8,000 किलोमीटर लंबी होगी।
- यह 570 टीबीपीएस की क्षमता प्रदान करेगी।
- कनेक्टिविटी में सुधार के लिए क्षेत्रीय भागीदारों के सहयोग से विकसित की जाएगी।
- 58 करोड़ लोगों को सेवा प्रदान करने का लक्ष्य है।
- मेटा द्वारा हिंदी भाषा का एआई चैटबॉट विकसित किया जा रहा है।
नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिकी तकनीकी दिग्गज मेटा ने 2028 में एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सबसे बड़ी क्षमता वाली सब-सी केबल 'कैंडल' के लॉन्च की घोषणा की है।
कंपनी ने एक बयान में बताया कि कैंडल लगभग 8,000 किलोमीटर तक फैली होगी, जिससे जापान, ताइवान, फिलीपींस, इंडोनेशिया, मलेशिया और सिंगापुर के बीच कनेक्टिविटी में वृद्धि होगी।
कंपनी के अनुसार, यह परियोजना 58 करोड़ लोगों को सेवा देते हुए लगभग 570 टेराबिट प्रति सेकंड (टीबीपीएस) की क्षमता प्रदान करेगी।
मेटा ने जानकारी दी है कि कैंडल अपनी सबसे बड़ी क्षमता वाली केबल 'अंजना' के समान बैंडविड्थ प्रदान करने के लिए 24 फाइबर-पेयर प्रौद्योगिकी का उपयोग करेगी।
कंपनी ने कहा कि नई केबल क्षेत्रीय दूरसंचार भागीदारों के सहयोग से विकसित की जाएगी।
कंपनी ने बिफ्रॉस्ट केबल सिस्टम के पूरा होने सहित कई मौजूदा सब-सी परियोजनाओं के अपडेट भी साझा किए हैं।
एशिया-प्रशांत (एपीएसी) क्षेत्र में दुनिया के 58 प्रतिशत से अधिक इंटरनेट उपयोगकर्ता रहते हैं, जिनमें से कई ऑनलाइन कनेक्टिविटी और एआई जैसे नवोन्मेषी तकनीकों तक पहुंच के लिए मजबूत वैश्विक बुनियादी ढांचे पर निर्भर हैं।
कंपनी ने बिफ़्रोस्ट, इको और एप्रीकॉट केबल्स में हालिया प्रगति की जानकारी भी दी है। बिफ्रोस्ट अब सिंगापुर, इंडोनेशिया, फिलीपींस और संयुक्त राज्य अमेरिका को जोड़ता है और 2026 में मेक्सिको को भी जोड़ने की योजना है। बिफ्रोस्ट इस लोकप्रिय डिजिटल मार्ग में 260 टीबीपीएस से अधिक रिडंडेंसी जोड़ने के लिए पहले के ट्रांसपेसिफिक केबल्स से अलग रास्ता अपनाएगा।
इको अब गुआम और कैलिफोर्निया के बीच 260 टीबीपीएस क्षमता प्रदान करता है और भविष्य में एशिया में आगे कनेक्टिविटी के विकल्प भी उपलब्ध होंगे।
फिलीपींस, इंडोनेशिया और सिंगापुर में भविष्य के विस्तार के साथ मेटा के एप्रीकॉट सिस्टम की लंबाई 12,000 किलोमीटर है, जो 290 टीबीपीएस क्षमता वाले बिफ्रोस्ट और इको सिस्टम का पूरक होगा।
इस बीच, खबरें हैं कि मेटा खासकर भारतीय उपयोगकर्ताओं के लिए हिंदी भाषा का एआई चैटबॉट विकसित करने के लिए अमेरिका में 55 डॉलर (लगभग 4850 रुपये) प्रति घंटे दर पर ठेकेदारों को नियुक्त कर रहा है।