क्या नामीबिया ने ओवरस्टे करने वाले विदेशी नागरिकों को एक महीने की राहत दी है?
सारांश
Key Takeaways
- नामीबिया ने ओवरस्टे के लिए एक महीने का एमनेस्टी प्रोग्राम शुरू किया है।
- यह कार्यक्रम 15 दिसंबर 2025 से 15 जनवरी 2026 तक प्रभावी रहेगा।
- विदेशी नागरिक बिना किसी कानूनी कार्रवाई के देश छोड़ सकते हैं।
- 30 दिनों के भीतर इमिग्रेशन ऑफिस में रिपोर्ट करना अनिवार्य है।
- ओवरस्टे करने वाले नागरिकों को पर्सोना नॉन ग्रेटा घोषित किया जाएगा।
विंडहोक, 13 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। नामीबिया ने एक महीने का एमनेस्टी प्रोग्राम (आम-माफी कार्यक्रम) शुरू करने की घोषणा की है। इसके तहत, विदेशी नागरिक जो अपने आप्रवासन परमिट की अवधि से अधिक समय तक देश में रुके हैं, वे बिना किसी मुकदमा, जुर्माना या हिरासत के स्वेच्छा से देश छोड़ सकते हैं। यह घोषणा देश के गृह मंत्रालय, इमिग्रेशन, सुरक्षा और रक्षा मंत्रालय ने की है।
मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि नामीबिया सरकार ने ओवरस्टे करने वाले विदेशी नागरिकों के लिए एक महीने का एमनेस्टी कार्यक्रम लागू किया है। यह कार्यक्रम 15 दिसंबर 2025 से 15 जनवरी 2026 तक प्रभावी रहेगा।
निर्देश के अनुसार, प्रभावित व्यक्तियों को 30 दिनों के भीतर स्वेच्छा से अपने नजदीकी इमिग्रेशन ऑफिस में रिपोर्ट करना होगा और वैध पहचान पत्र दिखाना होगा। इसके बाद, उन्हें 120 घंटे (5 दिन) का देश छोड़ने का नोटिस दिया जाएगा, जिससे वे बिना किसी कानूनी कार्रवाई के नामीबिया छोड़ सकेंगे।
मंत्रालय ने कहा कि इस आम-माफी कार्यक्रम के अंतर्गत लाभार्थियों को मुकदमा, जुर्माना या हिरासत से छूट मिलेगी, और यह निर्देश से पहले हुई सभी ओवरस्टे या रिपोर्ट न करने की घटनाओं पर भी लागू होगा।
हालांकि, इस निर्देश में देश छोड़ने के बाद की पाबंदियों का भी उल्लेख है, सिंहुआ न्यूज एजेंसी ने शनिवार को इसकी जानकारी दी।
जिन विदेशी नागरिकों ने अपने परमिट से 30 दिनों से ज्यादा समय तक ओवरस्टे किया है, उन्हें 12 महीने के लिए पर्सोना नॉन ग्रेटा (अवांछित व्यक्ति) घोषित किया जाएगा, जबकि जिन्होंने 30 दिनों से कम समय तक ओवरस्टे किया है, उन पर छह महीने का दोबारा एंट्री बैन लगेगा।
मंत्रालय ने कहा कि अधिकारी इस माफी के तहत आने वाले इमिग्रेशन बंदियों को रिहा करने को प्राथमिकता देंगे ताकि हिरासत सुविधाओं में भीड़ कम हो सके। साथ ही, यह भी कहा गया कि माफी की अवधि के भीतर नियमों का पालन न करने पर इमिग्रेशन कानूनों को पूरी तरह से लागू किया जाएगा, जिसमें हिरासत और देश निकाला भी शामिल है।