क्या नीमच में भावांतर योजना से अन्नदाता खुश हैं?
सारांश
Key Takeaways
- भावांतर योजना ने किसानों को आर्थिक राहत दी है।
- मुख्यमंत्री मोहन यादव ने किसानों के हित में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
- पंजीकृत किसानों को बड़ी राशि का ट्रांसफर किया गया।
- किसानों ने इस योजना की सराहना की है।
- सोयाबीन की फसल के लिए विशेष ध्यान दिया गया है।
नीमच, १३ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने देवास से भावांतर योजना की राशि ट्रांसफर कार्यक्रम का सीधा प्रसारण गुरुवार को नीमच की नई कृषि उपज मंडी परिसर में आयोजित किया। इस कार्यक्रम में जिले के किसानों, जनप्रतिनिधियों और व्यापारियों ने उत्साहपूर्वक सहभागिता की। नीमच जिले के १०१२ पंजीकृत किसानों को भावांतर योजना के तहत १२,५१६.६४ क्विंटल विक्रय पर कुल १,२४,७१,९०७ रुपए की राशि का ट्रांसफर किया गया।
मंडी परिसर में बड़े एलईडी स्क्रीन पर देवास कार्यक्रम का सीधा प्रसारण दिखाया गया, जहां किसानों ने मुख्यमंत्री का संबोधन सुना और योजना के लाभ की सराहना की।
कार्यक्रम के दौरान नीमच के विधायक दिलीपसिंह परिहार, जिला पंचायत अध्यक्ष सज्जन सिंह चौहान, एडीएम कलेश, एसडीएम एवं मंडी प्रशासक (भारसाधक) संजीव साहू, प्रभारी मंडी सचिव समीर दास सहित अनेक जनप्रतिनिधि, व्यापारी और किसान उपस्थित रहे।
किसानों ने मुख्यमंत्री की इस पहल को किसानों के हित में उठाया गया बड़ा कदम बताया और भावांतर योजना को बाजार के उतार-चढ़ाव से राहत देने वाली योजना के रूप में सराहा।
विधायक दिलीप सिंह परिहार ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि सोयाबीन की फसल मालवा और नीमच जिले में पैदा की जाती है। इस बार किसानों के खेत में पानी भर गया था। फसलों को भारी नुकसान हुआ था। ऐसे में मुख्यमंत्री ने कहा था कि किसानों को निराश नहीं करूंगा। इसी के तहत भावांतर योजना और मुआवजे की राशि से किसानों का नुकसान कम करने का प्रयास मुख्यमंत्री द्वारा किया गया। इसके लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम मोहन यादव का धन्यवाद करना चाहता हूं। पीएम मोदी किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्रयासरत हैं।
उन्होंने कहा कि सीएम मोहन यादव दुग्ध उत्पादन करने में किसानों को भीमराव अंबेडकर योजना के तहत प्रोत्साहित कर रहे हैं।
एसडीएम और कृषि उपज मंडी प्रशासक संजीव साहू ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा सोयाबीन खरीदी के लिए भावांतर योजना की शुरुआत की गई थी। २४ अक्टूबर से यह खरीदी चल रही है। १५ दिन के जो मॉडल भाव आए थे, लगभग ४००० मॉडल भाव की घोषणा हुई है और ५३२८ एमएसपी रेट है। इस प्रकार से लगभग १३०० रुपए अंतर की राशि किसान भाइयों के खाते में आई है। जिले के लगभग एक हजार किसानों के खाते में यह राशि आई है।
हितग्राही किसान भवानीशंकर पाटीदार ने बताया कि भावांतर योजना में मैंने ११ क्विंटल ५५ किलो सोयाबीन तुलवाई थी। उसकी भावांतर राशि १५००० रुपए खाते में आ गई है। इसके लिए मैं मुख्यमंत्री मोहन यादव का धन्यवाद देता हूं। अगर इस योजना का लाभ नहीं मिलता, तो खेती करने में बहुत परेशानी होती।