क्या जदयू प्रवक्ता ने राजद पर कटाक्ष करते हुए नीतीश कुमार के फैसले को सराहा?

सारांश
Key Takeaways
- नीतीश कुमार का निर्णय कमजोर वर्गों के लिए महत्वपूर्ण है।
- जदयू का काम बोलता है, विपक्ष पर कटाक्ष।
- पूर्व सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप।
- मतदाता सूची की पारदर्शिता पर जोर।
- न्यायपालिका का आदेश सर्वोपरि।
पटना, 1 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार के उस निर्णय का स्वागत किया है, जिसमें उन्होंने रसोइयों, रात्रि प्रहरियों और शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशकों के मानदेय में वृद्धि की है। नीरज कुमार ने इसे नीतीश कुमार की शानदार कार्यशैली का उदाहरण बताते हुए विपक्ष पर कटाक्ष किया कि वे सिर्फ बातें करते हैं जबकि हमारा काम बोलता है.
नीरज कुमार ने इस निर्णय को समाज के कमजोर वर्गों के लिए रोजगार और सशक्तीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी और डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की सामाजिक न्याय की परिकल्पना को नीतीश कुमार के इस निर्णय ने साकार किया है। उन्होंने पूर्व की सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पहले कमजोर वर्ग, विशेषकर रसोइयों जैसे लोग, जो मध्याह्न भोजन योजनाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे, हमेशा उपेक्षित रहे हैं।
पूर्व की सरकार में केवल भ्रष्टाचार को संरक्षण मिलता था। नीतीश कुमार की सरकार ने इन वर्गों को सम्मान और आर्थिक सहायता देकर उनकी स्थिति में सुधार किया है। यह निर्णय न केवल इन कर्मचारियों के जीवन को बेहतर बनाने में सहायक होगा, बल्कि सामाजिक समावेशन और संविधान की भावना को भी मजबूती प्रदान करेगा।
नीरज कुमार ने तेजस्वी यादव के बयान ‘मुझे जिताएंगे तो लालू यादव को जिताएंगे’ पर कटाक्ष करते हुए कहा कि तेजस्वी को लालू प्रसाद यादव की विचारधारा और उनके शासनकाल के खौफनाक मंजर को स्पष्ट करना चाहिए। उनका इशारा लालू-राबड़ी शासन की ओर था, जिसे जंगलराज कहा गया।
चुनाव आयोग द्वारा जारी ड्राफ्ट मतदाता सूची को लेकर उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और इंडी अलायंस पर तंज कसते हुए कहा कि यह सवाल उठाने वाले, विशेषकर राजद और उनके सहयोगी, मतदाता सूची में हेरफेर के आरोप लगाते हैं, लेकिन उन्हें पहले अपनी जानकारी अपडेट करनी चाहिए। उन्होंने यह सवाल उठाया कि क्या एक व्यक्ति को राघोपुर और फतुहा जैसे दो अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाता के रूप में सूचीबद्ध किया जा सकता है, जो चुनाव आयोग के नियमों के खिलाफ है।
उन्होंने उल्लेख किया कि ड्राफ्ट मतदाता सूची को एसआईआर पोर्टल पर प्रकाशित किया जा रहा है, जो भारत निर्वाचन आयोग की एक पारदर्शी प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया के तहत मतदाता सूची में नाम जोड़ने, हटाने या संशोधन के लिए आपत्तियां और दावे दर्ज किए जा सकते हैं। ड्राफ्ट मतदाता सूची के प्रकाशन के बाद सभी को दावा और आपत्ति दर्ज करने का अधिकार है। यह प्रक्रिया पारदर्शी है, और यदि राजद या इंडिया गठबंधन को कोई गड़बड़ी नजर आती है, तो उन्हें बूथ लेवल पर अपने एजेंट नियुक्त कर इसकी जांच करनी चाहिए।
2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में सभी 7 आरोपियों को बरी किए जाने पर उन्होंने कहा कि अब जबकि न्यायपालिका ने मालेगांव विस्फोट मामले में अपनी पूरी कानूनी प्रक्रिया पूरी कर ली है, इस मामले पर कोई भी राजनीतिक टिप्पणी अनुचित होगी। इसे हार जीत के तौर पर नहीं लिया जाना चाहिए। कोर्ट का आदेश सर्वोपरि होता है।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की ‘मृत अर्थव्यवस्था’ वाले बयान पर उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था लगातार मजबूत हो रही है। हालांकि, हमारा उच्च जनसंख्या घनत्व एक बड़ी चुनौती है। हमारे सीमित भूमि संसाधनों पर जनसंख्या का बोझ निरंतर विकास को एक कठिन कार्य बना देता है। नीति आयोग की रिपोर्ट भी इस बात पर प्रकाश डालती है कि देश भर में विकास असमान रहा है।
जदयू प्रवक्ता ने दावा किया है कि उत्तर पूर्व के विकास के बिना विकास की पटकथा नहीं लिखी जा सकती है। हमारी अर्थव्यवस्था मजबूत है, यह हमारे बुनियादी ढांचे के सुदृढ़ीकरण से स्पष्ट है।