क्या नोएडा में फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ हुआ? तीन आरोपी गिरफ्तार

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क्या नोएडा में फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ हुआ? तीन आरोपी गिरफ्तार

सारांश

नोएडा में एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ हुआ है, जहाँ तीन आरोपियों ने बेरोजगार युवाओं से नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी की। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों से कई महत्वपूर्ण सबूत बरामद किए हैं और गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है। जानिए कैसे हुआ यह ठगी का खेल!

Key Takeaways

  • फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ हुआ है।
  • तीन आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं।
  • पुलिस ने कई महत्वपूर्ण सबूत बरामद किए हैं।
  • गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है।
  • बेरोजगार युवाओं को ठगी से बचने के लिए सतर्क रहना चाहिए।

नोएडा, 25 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। नोएडा के थाना फेस-1 की पुलिस ने फर्जी कॉल सेंटर के माध्यम से बेरोजगार युवाओं से नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी करने वाले तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार करने में उल्लेखनीय सफलता पाई है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों के पास से बड़ी संख्या में मोबाइल फोन, बैंकिंग दस्तावेज, फर्जी जॉइनिंग लेटर, एटीएम और सिम कार्ड बरामद किए गए हैं। पुलिस अब इस गिरोह के अन्य सदस्यों की खोज में जुट गई है।

पुलिस के अनुसार, यह कार्रवाई 24 नवंबर को मैनुअल इंटेलिजेंस और संवेदनशील सूचना के आधार पर की गई। पुलिस टीम ने सेक्टर-16 के 44ए क्षेत्र से तीन आरोपियों विशाल राघव, आमिर उस्मानी और वरुण कुमार को गिरफ्तार किया। तलाशी के दौरान इनके पास से 6 स्मार्ट मोबाइल फोन, 1 कीपैड मोबाइल फोन, 4 डेबिट कार्ड, 3 सिम कार्ड, 2 खाली सिम लिफाफे, 1 पासबुक, 1 फिनो कॉम्बो बैंक किट, 1 चेक बुक, 4 कंपनी के फर्जी जॉइनिंग लेटर और 3 स्टांप मोहर बरामद की गईं।

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि मुख्य आरोपी विशाल राघव अपने साथियों आमिर उस्मानी और वरुण कुमार के साथ मिलकर बैंक खातों, डेबिट कार्ड, चेक बुक और प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड खरीदता था। विशाल इन बैंक खातों और सिम की जानकारी फर्जी कॉल सेंटर चलाने वाले अनुज कुमार और रोमेश को देता था। दोनों बेरोजगार युवाओं को नौकरी दिलाने के नाम पर पंजीकरण और प्रोसेसिंग शुल्क के नाम पर धन उगाही करते थे। प्राप्त धन इन फर्जी बैंक खातों और सिम कार्ड के जरिए घुमाई जाती थी।

नकद निकासी के बाद विशाल कमीशन काटकर बाकी राशि अनुज और रोमेश तक पहुँचाता था। पुलिस के अनुसार वरुण कुमार एक स्वतंत्र कॉल सेंटर भी चलाता था, जिसमें वह नौकरी दिलाने का झांसा देकर युवाओं से मोटी रकम वसूलता था। गिरोह के सरगना अनुज और रोमेश पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं।

गिरफ्तार तीनों आरोपियों के खिलाफ थाना फेस-1 नोएडा में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस गिरोह के नेटवर्क, धन के प्रवाह और इससे जुड़े अन्य लोगों की जानकारी एकत्र कर रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि बेरोजगार युवाओं को जॉब ऑफर के नाम पर ठगी करने वाले ऐसे साइबर नेटवर्क के खिलाफ अभियान जारी रहेगा और अपराध में शामिल हर व्यक्ति को जल्द गिरफ्तारी के दायरे में लाया जाएगा।

Point of View

NationPress
25/11/2025

Frequently Asked Questions

फर्जी कॉल सेंटर क्या होता है?
फर्जी कॉल सेंटर वह होता है जो बेरोजगार युवाओं को नौकरी दिलाने के नाम पर पैसे उगाहता है।
क्या पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया?
नहीं, पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है और अन्य सदस्यों की तलाश जारी है।
गिरफ्तार आरोपियों के पास क्या सामान मिला?
गिरफ्तार आरोपियों के पास से मोबाइल फोन, बैंकिंग दस्तावेज, फर्जी जॉइनिंग लेटर, एटीएम और सिम कार्ड बरामद किए गए।
पुलिस की कार्रवाई कब हुई?
पुलिस की कार्रवाई 24 नवंबर को हुई थी।
क्या यह मामला केवल नोएडा तक सीमित है?
इस मामले में और भी गिरोह शामिल हो सकते हैं, पुलिस इसकी जांच कर रही है।
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