क्या नोएडा प्राधिकरण ने स्वच्छता एवं जागरूकता के लिए सख्त कदम उठाए?

सारांश
Key Takeaways
- नोएडा प्राधिकरण ने स्वच्छता को प्राथमिकता दी है।
- ब्लैक स्पॉट्स की संख्या को कम करने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।
- जन जागरूकता अभियानों का आयोजन किया जाएगा।
- साफ-सफाई में सुधार के लिए नियमित रिपोर्टिंग की जाएगी।
- डस्टबिन की स्थापना अनिवार्य की जाएगी।
नोएडा, 30 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। मंगलवार को नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी लोकेश एम. की अध्यक्षता में आईईसी (इनफॉरमेशन, एजुकेशन एंड कम्युनिकेशन) गतिविधियों की समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया।
इस बैठक में अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी कृष्णा करूनेश, विशेष कार्याधिकारी महेंद्र प्रसाद, महाप्रबंधक एसपी सिंह, महाप्रबंधक एके अरोड़ा, जन स्वास्थ्य विभाग के इंदु प्रकाश, उप महाप्रबंधक विजय रावल, सहायक परियोजना अभियंता अरुण कुमार और उमेश चंद त्यागी के साथ-साथ गाइडेड फॉर्च्यून समिति के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
बैठक में स्वच्छता और जन-जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए गए।
मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने सबसे पहले नोएडा क्षेत्र में बढ़ते ब्लैक स्पॉट की संख्या पर चिंता जताई और इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया। ग्राम क्षेत्रों में कूड़ा फेंकने की समस्या पर अधिकारियों को व्यापक जन-जागरूकता अभियान चलाने के लिए कहा गया, ताकि लोग सड़क पर कूड़ा फेंकने से बचें।
सेन्ट्रल वर्ज में गंदगी जमा होने पर असंतोष व्यक्त किया गया और नियमित सफाई सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए। सड़क किनारे भिक्षावृत्ति की समस्या, विशेषकर सेक्टर-18, 51 और अट्टा मार्केट में बढ़ती भीख मांगने वालों की संख्या को नियंत्रित करने के साथ-साथ उनके पुनर्वास के लिए ठोस प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए गए।
स्वच्छता व्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रत्येक शुक्रवार को साप्ताहिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का सुझाव दिया गया, जिसके आधार पर एनजीओ कर्मियों के कार्यों की समीक्षा की जाएगी। साथ ही, सभी पीजी (पेइंग गेस्ट) संचालकों से बातचीत कर उनके परिसरों में डस्टबिन रखना अनिवार्य करने को कहा गया।
स्ट्रीट वेंडर्स को भी डस्टबिन रखने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। डोर टू डोर कचरा संग्रहण करने वाले ई-रिक्शों में समयबद्ध तरीके से जीपीएस लगाने के निर्देश दिए गए, ताकि मॉनिटरिंग में सुधार हो सके।
अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यदि जागरूकता अभियान के बाद भी कोई व्यक्ति नियमों का पालन नहीं करता है, तो एनजीओ उनकी रिपोर्ट प्राधिकरण को सौंपेगा और उसके आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
एनजीओ टीम को निर्देश दिया गया कि 7-8 समूह बनाकर गांवों में व्यापक जन-जागरूकता अभियान चलाया जाए, जिसमें लोगों को स्वच्छता, डेंगू और गंदगी से फैलने वाली बीमारियों के प्रति जागरूक किया जाए।