क्या समाजवादी पार्टी के नेता और कानपुर के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी 34 महीने बाद रिहा हुए?

सारांश
Key Takeaways
- इरफान सोलंकी 34 महीने बाद जेल से रिहा हुए।
- उनकी रिहाई के समय समर्थकों की भीड़ थी।
- उन्हें गैंगस्टर एक्ट में हाईकोर्ट से जमानत मिली।
- उनके परिवार ने उनकी रिहाई का स्वागत किया।
- इस मामले ने राजनीतिक परिदृश्य में हलचल पैदा की है।
लखनऊ, 30 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी के नेता और कानपुर के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी को 34 महीने बाद मंगलवार शाम महाराजगंज जिला जेल से रिहा किया गया। उन्हें हाईकोर्ट से गैंगस्टर एक्ट में जमानत मिलने के बाद रिहाई मिली है। इरफान सोलंकी 2 दिसंबर 2022 से जेल में थे और दिसंबर 2022 में उन्हें कानपुर से महाराजगंज जेल में स्थानांतरित किया गया था।
इरफान सोलंकी की रिहाई के समय उनकी पत्नी और फाफामऊ की विधायक नसीम सोलंकी अपने बच्चों और परिजनों के साथ जिला कारागार में उपस्थित थीं। जेल से रिहा होने के बाद इरफान ने अपनी पत्नी और बच्चों को गले लगाया और समर्थकों एवं कार्यकर्ताओं का अभिवादन किया। उन्होंने मीडिया से कहा कि न्याय की जीतअल्लाह पर विश्वास था, है, और रहेगा।
पूर्व विधायक की रिहाई के दौरान जिला जेल के आसपास समर्थकों की बड़ी संख्या में भीड़ इकट्ठा हुई। सुरक्षा के कड़े इंतजाम भी किए गए थे। रिहाई के बाद इरफान सोलंकी अपने परिवार के साथ सड़क मार्ग से कानपुर के लिए रवाना हुए। उन्हें कानपुर में एक महिला के प्लॉट पर आगजनी के मामले में 7 साल की सजा मिली थी। इस घटना के बाद उनकी विधायकी चली गई थी और उनकी पत्नी नसीम ने उपचुनाव में समाजवादी पार्टी से विधायक बनकर जीत हासिल की।
यह उल्लेखनीय है कि जाजमऊ की डिफेंस कॉलोनी में 7 नवंबर 2022 को नजीर फातिमा के घर में आग लग गई थी। नजीर ने इरफान सोलंकी, उनके भाई रिजवान सोलंकी और उनके साथियों पर आग लगाने का आरोप लगाया था।
इस मामले में अदालत ने इरफान, रिजवान, मो. शरीफ, शौकत अली और इजराइल आटे वाला को 3 जून को आगजनी, नुकसान पहुंचाने, मारपीट और जान से मारने की धमकी देने के आरोप में दोषी ठहराया था। सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए 7 जून की तारीख तय की गई थी। सजा सुनाने के लिए इरफान को महाराजगंज जेल से नहीं लाया गया था।