क्या ‘परिणीता’ के 20 साल पूरे होने पर श्रेया घोषाल ने पुरानी दोस्ती का जश्न मनाया?

सारांश
Key Takeaways
- परिणीता ने 20 साल पूरे किए हैं।
- श्रेया घोषाल ने गाने की अनोखी प्रस्तुति की।
- स्वानंद किरकिरे और शांतनु मोइत्रा की दोस्ती ने इस जश्न को खास बनाया।
- फिल्म का संगीत आज भी लोकप्रिय बना हुआ है।
- दोस्ती और प्रेम की गहराई को दर्शाती है फिल्म।
मुंबई, 19 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक प्रदीप सरकार की फिल्म ‘परिणीता’ को रिलीज हुए 20 साल हो गए हैं। इस अवसर पर फिल्म को फिर से री-रिलीज किया गया है। इसका सुपरहिट गाना पीयू बोले को श्रेया घोषाल ने गाया था।
इस गाने और फिल्म के साथ ही गायक की दोस्ती दो लोगों से हुई थी। फिल्म और दोस्ती के 20 साल पूरे होने पर श्रेया घोषाल ने एक गाना गाकर इसे सेलिब्रेट किया। इसका एक वीडियो उन्होंने इंस्टाग्राम पर साझा किया है। इसके अंत में उनके दो करीबी दोस्त स्वानंद किरकिरे और संगीतकार शांतनु मोइत्रा भी नजर आते हैं।
श्रेया घोषाल ने अपने इंस्टाग्राम पर इसे साझा करते हुए लिखा, "लो, जी, पेश है पीयू बोले का लेटेस्ट वर्जन जो कभी रिलीज नहीं हुआ। हम परिणीता के 20 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं, लेकिन उससे भी बढ़कर, इस साल हमारी दोस्ती के भी 20 साल पूरे हो रहे हैं। वो तिकड़ी जिसे दुनिया ने बहुत प्यार किया।"
श्रेया और सोनू निगम द्वारा गाए गए पीयू बोले को विद्या बालन और सैफ अली खान पर फिल्माया गया है। ‘परिणीता’ का संगीत शांतनु मोइत्रा ने तैयार किया है, जबकि इसके गीत स्वानंद किरकिरे ने लिखे हैं।
गीतकार स्वानंद किरकिरे ने ‘परिणीता’ को एक सपने की तरह बताया है। उन्होंने कहा, "‘परिणीता’ का गीत मेरे लिए एक सपने की तरह था, जहां गीत और संगीत ने एकदम तालमेल बिठाया। हर गाना गहरी भावनाओं से जन्मा है, चाहे वह ‘पियू बोले’ की कोमलता हो, ‘कस्तो मज्जा’ की मस्ती हो या ‘कैसी पहेली जिंदगानी’ का चंचल अंदाज। शांतनु के संगीत ने मेरे शब्दों को जैसे पंख दे दिए और श्रेया, सोनू और सुनिधि की आवाज ने उनमें जान डाल दी थी। विद्या और सैफ ने मिलकर इस गाने को पर्दे पर और जीवंत कर दिया था। दो दशक बाद इन गानों को फिर से अलग रूप में सुनकर ऐसा लग रहा था, जैसे कोई पुराना खत खोल रहा हूं।"
उन्होंने आगे कहा, "विधु विनोद चोपड़ा का मैं शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने हमें काव्यात्मक लेखन की आजादी दी और आत्मविश्वास दिया।"
संगीतकार शांतनु मोइत्रा का कहना है कि इस संगीत ने समय की कसौटी पर खुद को साबित किया है।