क्या देश के प्रमुख स्थलों को मिलेगा सुरक्षा कवच? लाल किले से पीएम मोदी ने किया मिशन 'सुदर्शन चक्र' का ऐलान

सारांश
Key Takeaways
- सुदर्शन चक्र मिशन की घोषणा प्रधानमंत्री मोदी ने की।
- यह एक शक्तिशाली हथियार प्रणाली होगी।
- अगले 10 वर्षों में सुरक्षा कवच का विस्तार होगा।
- यह मिशन स्वदेशी रक्षा प्रणाली को बढ़ावा देगा।
- युवाओं का प्रतिभा इसमें शामिल होगा।
नई दिल्ली, 14 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्र सुरक्षा के संदर्भ में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। 79वें स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि भारत 'सुदर्शन चक्र' मिशन की शुरुआत करेगा। यह एक शक्तिशाली हथियार प्रणाली होगी, जो दुश्मन के हमले को नष्ट करने के साथ-साथ दुश्मन पर कई गुना अधिक प्रभावी हमला भी करेगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि अगले 10 वर्षों में यानी 2035 तक, देश के प्रमुख स्थलों, सामरिक और नागरिक क्षेत्रों तथा धार्मिक केंद्रों को नई तकनीक के माध्यम से सुरक्षा का कवच प्रदान किया जाएगा। यह कवच लगातार विस्तारित होता रहेगा ताकि देश का हर नागरिक सुरक्षित महसूस कर सके। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की तकनीक जो हम पर हमला करेगी, हमारी तकनीक उससे बेहतर साबित होगी।
अपने भाषण में, पीएम मोदी ने कहा, "भगवान श्रीकृष्ण से प्रेरणा लेकर, हमने सुदर्शन चक्र का मार्ग चुना है। महाभारत में श्रीकृष्ण ने अपने सुदर्शन चक्र से सूर्य के प्रकाश को रोक दिया था, जिससे अंधेरा छा गया था। इस चक्र के पराक्रम का परिणाम था कि अर्जुन ने जयद्रथ का वध किया। अब, भारत सुदर्शन चक्र मिशन शुरू करेगा।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस मिशन के लिए भारत ने मूलभूत पहलुओं को तय किया है और हम अगले 10 वर्षों में इसे मजबूती से आगे बढ़ाने का प्रयास करेंगे। उन्होंने बताया, "इस आधुनिक सिस्टम के लिए रिसर्च, विकास और निर्माण पूरी तरह से भारत में होगा और इसमें देश के युवा प्रतिभाओं का योगदान होगा।"
उन्होंने स्वदेशी रक्षा प्रणाली के संदर्भ में यह भी कहा कि बदलते युद्ध के तरीकों के मद्देनजर, राष्ट्र और नागरिकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्धता से आगे बढ़ने का वचन दिया है।