क्या प्रधानमंत्री मोदी ने जस्टिस सूर्यकांत को मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेने पर शुभकामनाएं दीं?

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क्या प्रधानमंत्री मोदी ने जस्टिस सूर्यकांत को मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेने पर शुभकामनाएं दीं?

सारांश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जस्टिस सूर्यकांत को मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेने पर बधाई दी। जस्टिस सूर्यकांत का कार्यकाल 9 फरवरी 2027 तक होगा। जानें उनके करियर और महत्वपूर्ण निर्णयों के बारे में।

Key Takeaways

  • जस्टिस सूर्यकांत ने 24 नवंबर 2023 को मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली।
  • प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें शुभकामनाएं दीं।
  • उनका कार्यकाल लगभग 14 महीने का होगा।
  • वे हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं।
  • उन्होंने आर्टिकल 370 और पेगासस केस जैसे महत्वपूर्ण मामलों पर निर्णय किए हैं।

नई दिल्ली, 24 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जस्टिस सूर्यकांत को देश के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेने के बाद शुभकामनाएं दी हैं। वे राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में भी शामिल हुए। सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जस्टिस सूर्यकांत को मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "जस्टिस सूर्यकांत के भारत के चीफ जस्टिस के तौर पर शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुआ। उनके आगे के कार्यकाल के लिए उन्हें शुभकामनाएं।"

गौरतलब है कि मुख्य न्यायाधीश बने जस्टिस सूर्यकांत ने सोमवार को हिंदी में शपथ ली। वे जस्टिस बीआर गवई की जगह लेंगे। 53वें सीजेआई जस्टिस सूर्यकांत का कार्यकाल लगभग 14 महीने का होगा और वे 9 फरवरी 2027 तक पद पर रहेंगे।

10 फरवरी, 1962 को हरियाणा के एक मिडिल-क्लास परिवार में जन्मे जस्टिस सूर्यकांत ने 1981 में हिसार के गवर्नमेंट पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज से ग्रेजुएशन किया और 1984 में रोहतक की महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से लॉ की डिग्री ली। उन्होंने 1984 में हिसार में अपनी लीगल प्रैक्टिस शुरू की और अगले साल पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में प्रैक्टिस करने के लिए चंडीगढ़ चले गए।

इन सालों में उन्होंने कई तरह के कॉन्स्टिट्यूशनल, सर्विस और सिविल मामलों को संभाला, जिसमें यूनिवर्सिटी, बोर्ड, कॉर्पोरेशन, बैंक और खुद हाईकोर्ट को भी रिप्रेजेंट किया। उन्हें 7 जुलाई 2000 को हरियाणा का सबसे कम उम्र का एडवोकेट जनरल अपॉइंट किया गया था और मार्च 2001 में उन्हें सीनियर एडवोकेट बनाया गया था।

उन्होंने 9 जनवरी, 2004 को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के जज के रूप में अपनी पदोन्नति तक महाधिवक्ता के पद पर कार्य किया। वे लगातार दो कार्यकाल (2007-2011) के लिए राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य भी रहे। वे अलग-अलग ज्यूडिशियल और लीगल सर्विस इंस्टीट्यूशन से भी जुड़े रहे हैं।

जस्टिस सूर्यकांत 5 अक्टूबर 2018 से 24 मई 2019 तक हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के तौर पर काम करते रहे। नवंबर 2024 से, वे सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विसेज कमेटी के चेयरमैन भी रहे हैं।

वह आर्टिकल 370 हटाने, बिहार वोटर लिस्ट में बदलाव और पेगासस स्पाइवेयर केस में अहम फैसलों का हिस्सा रहे हैं।

Point of View

NationPress
24/11/2025

Frequently Asked Questions

जस्टिस सूर्यकांत कब मुख्य न्यायाधीश बने?
जस्टिस सूर्यकांत ने 24 नवंबर 2023 को मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली।
प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें शुभकामनाएं कब दीं?
प्रधानमंत्री मोदी ने शपथ ग्रहण समारोह के बाद जस्टिस सूर्यकांत को शुभकामनाएं दीं।
जस्टिस सूर्यकांत का कार्यकाल कब तक चलेगा?
जस्टिस सूर्यकांत का कार्यकाल 9 फरवरी 2027 तक रहेगा।
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