क्या राहुल गांधी ने बेगूसराय में मछली पकड़कर मछुआरों की समस्याओं का समाधान किया?
सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी का मछली पकड़ने का प्रयास मछुआरा समुदाय के मुद्दों को समझने का संकेत है।
- उन्होंने सत्तारूढ़ सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- चुनावों में महागठबंधन के वादे विकास की दिशा में महत्वपूर्ण हो सकते हैं।
- बिहार में शिक्षा क्षेत्र को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है।
पटना, 2 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के नेता एवं लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने रविवार को बिहार के बेगूसराय जिले में एक जनसभा के बाद मछली पकड़ने का प्रयास किया। स्थानीय तालाब में मछली पकड़ने का प्रयास करते हुए, कांग्रेस सांसद ने मछुआरा समुदाय से संवाद किया, उनकी समस्याएँ सुनीं और इस पेशे से जुड़ी चुनौतियों का पहली बार अनुभव किया।
इस दौरान उनके साथ विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख और महागठबंधन के उपमुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार मुकेश सहनी भी मौजूद थे।
मछुआरों से बातचीत करते हुए, राहुल गांधी ने उन्हें महागठबंधन के चुनावी वादों से अवगत कराया, जिसमें बाढ़ के दौरान मछुआरा परिवारों को 5,000 रुपए की सहायता, मत्स्य बीमा योजना और नदियों व तालाबों का पुनरुद्धार शामिल है।
राहुल गांधी ने इससे पहले एक चुनावी रैली में राज्य और केंद्र सरकार की तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा कि बिहार के लोग विदेशों में भी अपनी पहचान बना रहे हैं, लेकिन अपने देश में उनकी स्थिति दयनीय है।
उन्होंने सत्तारूढ़ सरकार पर आरोप लगाया कि वह नालंदा विश्वविद्यालय के पुनरुद्धार सहित बिहार के विकास के लिए यूपीए सरकार की कई योजनाओं को विफल कर रही है।
उन्होंने कहा, "बिहार के लोग अन्य राज्यों में मेहनत करते हैं और वहां के विकास में योगदान देते हैं। अगर बिहार के लोग अपने खून-पसीने से दुबई जैसा शहर बना सकते हैं, तो बिहार क्यों नहीं बना सकता?"
उन्होंने आगे आरोप लगाया, "यहाँ की भाजपा-जदयू सरकार ने लोगों को अवसर नहीं दिया। हमारी यूपीए सरकार ने नालंदा जैसे विश्वविद्यालयों के पुनर्निर्माण का कार्य प्रारंभ किया था, लेकिन यहाँ की सरकार ने सब कुछ बर्बाद कर दिया।"
राहुल गांधी ने सत्तारूढ़ सरकार पर पेपर लीक रोकने में नाकाम रहने का आरोप लगाया, जिससे न केवल राज्य की छवि को नुकसान हुआ है, बल्कि राज्य के युवाओं का भविष्य भी संकट में है।
राहुल गांधी ने आश्वासन दिया कि यदि महागठबंधन की सरकार बनती है, तो शिक्षा क्षेत्र को पुनर्जीवित किया जाएगा। उन्होंने कहा, "हम एक ऐसा विश्वविद्यालय स्थापित करेंगे जहाँ दुनिया भर से छात्र पढ़ने आएंगे। यहाँ के लोग विकास के लिए कड़ी मेहनत करते हैं।"
उन्होंने कहा, "हमने अति पिछड़े वर्गों के लिए एक विशेष घोषणापत्र तैयार किया है, जिसे हम लागू करेंगे। हम सबको साथ लेकर चलेंगे। यह सरकार किसी को पीछे नहीं छोड़ेगी। हमारी प्राथमिकता छोटे व्यवसाय होंगे।"