क्या रणदीप सुरजेवाला का सीएम सैनी पर तंज, 'नायब कानून' दोषियों को बचाने के लिए है?

सारांश
Key Takeaways
- हरियाणा में दो अलग-अलग कानूनों का अस्तित्व।
- सीएम पर आरोप कि वे दोषियों का समर्थन कर रहे हैं।
- गरीब और दलित समाज के न्याय के अधिकार का सवाल।
- कांग्रेस पार्टी का समर्थन दलित समाज के प्रति।
- न्याय की प्रक्रिया में देरी का गंभीरता।
कैथल, १२ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या के मामले में कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी पर कड़ा प्रहार किया है।
रविवार को कैथल में आयोजित एक प्रेस वार्ता में रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि सीएम नायब सिंह सैनी देश के कानूनों का उल्लंघन कर रहे हैं और दोषियों का समर्थन कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सैनी के नेतृत्व में हरियाणा में दो अलग-अलग कानून लागू हैं, एक आम जनता के लिए और दूसरा “नायब कानून”। सामान्य मामलों में पुलिस बिना किसी देरी के एफआईआर के आधार पर गिरफ्तारी करती है, लेकिन इस मामले में मुख्यमंत्री “पहले जांच, फिर कार्रवाई” की बात कहकर दोषियों को बचाने का प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने सवाल उठाया कि अगर छह महीने तक जांच पूरी नहीं होती, तो क्या न्याय का इंतजार अनिश्चितकाल तक करना होगा?
उन्होंने पूछा, “अगर हर आपराधिक मामले में पहले जांच पूरी होने का इंतजार करना हो, तो देश में पुलिस तुरंत गिरफ्तारी क्यों करती है?”
कांग्रेस सांसद ने कहा कि यह मामला सिर्फ एक अधिकारी की आत्महत्या तक सीमित नहीं है, बल्कि यह गरीब और दलित समाज के न्याय के अधिकार का सवाल है। कांग्रेस पार्टी इस मामले में पूरन कुमार की पत्नी आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार और पूरे दलित समाज के साथ खड़ी है, जो दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी और कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहा है।
सुरजेवाला ने नायब सैनी पर दोषियों का समर्थन करने का आरोप लगाते हुए कहा, “या तो नायब सैनी ने नया 'नायब तरीका' और 'नायब कानून' खोज लिया है, या फिर वे सीधे-सीधे दोषियों के साथ खड़े हैं।”
उन्होंने कहा कि अगर एक वरिष्ठ अधिकारी की आत्महत्या के मामले में भी नायब कानून लागू होगा, तो आम आदमी खासकर गरीब और दलित को न्याय कैसे मिलेगा?
उन्होंने सवाल उठाया कि क्या हरियाणा में गरीब और दलित होना अपराध बन गया है? सुरजेवाला ने मांग की कि इस मामले में तुरंत कार्रवाई हो और दोषियों को गिरफ्तार किया जाए।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस मामले को तब तक उठाती रहेगी जब तक पूरन कुमार के परिवार और दलित समाज को न्याय नहीं मिल जाता।