क्या शकील अहमद खान का कहना है, चुनाव आयोग पर सवाल उठाने पर भाजपा का प्रतिक्रिया क्यों होती है?

सारांश
Key Takeaways
- चुनाव आयोग की निष्पक्षता का होना आवश्यक है।
- भाजपा का रिएक्शन आयोग से जुड़े सवालों पर आता है।
- राहुल गांधी की यात्रा लोकतंत्र की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
- बिहार के युवाओं के लिए असली रोजगार की आवश्यकता है।
- राज्य की स्थिति को सुधारने की जरूरत है।
पटना, 4 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में इस वर्ष के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव का सिग्नल किसी भी समय बज सकता है। हालांकि, चुनाव की घोषणा से पहले ही सभी राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारी कर ली है और सभी पार्टियों के नेता जनता को आकर्षित करने के लिए उनके बीच पहुँच रहे हैं। इस संदर्भ में, भाजपा ने छठ पूजा के बाद एक या दो चरणों में बिहार विधानसभा चुनाव कराने की मांग चुनाव आयोग से की है, जबकि कांग्रेस नेता शकील अहमद खान ने कहा कि उन्हें लगता है कि चुनाव आयोग भाजपा से पूछकर ही चुनाव की तारीखों का घोषणा करेगा।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में शकील अहमद खान ने कहा कि जब भी हमने आयोग पर आरोप लगाए हैं, तब हमने साक्ष्य के साथ लगाए हैं। आयोग का निष्पक्षता होना आवश्यक है। हाल के दिनों में भाजपा की ओर से चुनाव आयोग के लिए स्टैंड लिया गया, जो यह दर्शाता है कि दोनों के बीच कुछ न कुछ चालू है।
उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले वोटर लिस्ट में हेराफेरी के आरोप चुनाव आयोग पर लगाए गए। हम इल्जाम नहीं लगा रहे थे, बल्कि चुनाव आयोग के खिलाफ प्रमाण दे रहे थे। राहुल गांधी ने नेता प्रतिपक्ष के रूप में जनता तक वोटर अधिकार यात्रा के जरिए यह आवाज पहुंचाई। उन्होंने कहा कि आयोग की निष्पक्षता बनी रहे, तो देशवासियों का भला होगा। अगर आयोग ने अपनी विश्वसनीयता खो दी, तो इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी। जब हम आयोग से सवाल करते हैं, तो भाजपा नेताओं का प्रतिक्रिया आता है, जबकि हम तो साक्ष्य के आधार पर ही बात करते हैं।
राहुल गांधी की कोलंबिया यात्रा पर भाजपा द्वारा लगाए गए आरोपों के जवाब में शकील अहमद खान ने कहा कि राहुल गांधी ने वोटर अधिकार यात्रा निकाली, प्रियंका गांधी बिहार आईं, और कांग्रेस की वर्किंग कमेटी की बैठक भी हुई। यह सब दिखाई नहीं दे रहा? कोलंबिया जाने के लिए सरकार ने ही पासपोर्ट और वीजा दिया होगा। भाजपा का विचार शून्य हो गया है, जबकि राहुल गांधी तो लोकतंत्र की रक्षा के लिए कहीं भी आवाज उठा सकते हैं।
पीएम मोदी द्वारा युवाओं को सौगात दिए जाने पर उन्होंने कहा कि एक हजार रुपये से छोटा मोबाइल भी नहीं आ रहा, जिससे 'आई लव यू' भी बोल सकें। बिहार के युवाओं को असली रोजगार दो, स्वास्थ्य विभाग को ठीक करो। राज्य की स्थिति खराब हो गई है। बिहार के युवाओं का मजाक बनाया गया है।