क्या सुप्रीम कोर्ट में मतदाता सूची में हेरफेर का मामला पहुंचा है?

सारांश
Key Takeaways
- बेंगलुरु सेंट्रल की मतदाता सूची में हेरफेर के गंभीर आरोप हैं।
- सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है।
- राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि एक ही मतदाता के नाम कई स्थानों पर हैं।
- चुनाव आयोग ने आरोपों को खारिज किया है।
- मामले की निष्पक्ष जांच की आवश्यकता है।
नई दिल्ली, 20 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा 2024 के लोकसभा चुनाव में बेंगलुरु सेंट्रल संसदीय क्षेत्र की मतदाता सूची में हेरफेर के आरोपों की जांच का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुँच गया है। मतदाता सूची में हेरफेर के आरोपों की जांच के लिए सर्वोच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है।
याचिका में इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता वाली एक समिति से कराने की मांग की गई है।
यह याचिका सुप्रीम कोर्ट के वकील रोहित पांडेय द्वारा दायर की गई है, जिसमें भारत के संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए संवैधानिक अधिकारों का हवाला दिया गया है।
याचिका में कहा गया है कि बेंगलुरु सेंट्रल संसदीय क्षेत्र की मतदाता सूची में गंभीर अनियमितताएं पाई गई हैं, जो संविधान के प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन हैं।
याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि एक ही मतदाता के नाम कई निर्वाचन क्षेत्रों में दर्ज पाए गए हैं, जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया की पवित्रता को खतरे में डालता है।
याचिका में तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप संविधान की पवित्रता को बनाए रखने और लोकतंत्र की रक्षा के लिए आवश्यक है।
याचिकाकर्ता ने मांग की है कि इस मामले की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच के लिए एक स्वतंत्र समिति का गठन किया जाए, जिसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश करें।
बता दें कि राहुल गांधी ने अगस्त में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बेंगलुरु सेंट्रल की महादेवपुरा विधानसभा सीट पर मतदाता सूची में हेरफेर के गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने दावा किया था कि इस सीट पर डुप्लीकेट मतदाता, फर्जी पते, और फॉर्म-6 का दुरुपयोग जैसी कई तरह की अनियमितताएं हुईं, जिसके परिणामस्वरूप 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ा।
चुनाव आयोग ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया था। उन्होंने राहुल गांधी से सात दिनों के भीतर हलफनामा दाखिल करने या माफी मांगने की मांग की थी।