क्या सुप्रीम कोर्ट ने श्री बांके बिहारी मंदिर के प्रबंधन के लिए कमेटी बनाई है?

सारांश
Key Takeaways
- सुप्रीम कोर्ट ने श्री बांके बिहारी मंदिर के प्रबंधन के लिए कमेटी बनाई है।
- कमेटी की अध्यक्षता रिटायर्ड जज जस्टिस अशोक कुमार करेंगे।
- मंदिर के रोजमर्रा के कामों का प्रबंधन कमेटी करेगी।
- कमेटी के अध्यक्ष को प्रति माह 2 लाख रुपए का मानदेय मिलेगा।
- सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार के अध्यादेश पर रोक लगाई है।
मथुरा, 9 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। सुप्रीम कोर्ट ने वृंदावन के श्री बांके बिहारी मंदिर के प्रबंधन के लिए एक नई कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी की अध्यक्षता इलाहाबाद हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस अशोक कुमार करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि जब तक हाई कोर्ट यूपी सरकार द्वारा जारी अध्यादेश पर निर्णय नहीं ले लेता, तब तक सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त यह कमेटी मंदिर के दैनिक कार्यों का प्रबंधन करेगी।
उत्तर प्रदेश सरकार अपने अध्यादेश के अनुसार मंदिर के प्रबंधन के लिए ट्रस्ट का गठन नहीं कर पाएगी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। अदालत ने कहा कि कमेटी के अध्यक्ष को प्रति माह 2 लाख रुपए का मानदेय दिया जाएगा, जो मंदिर के खातों से भरा जाएगा। उन्हें परिवहन सुविधाओं सहित सभी आवश्यक सहायता भी प्रदान की जाएगी।
कमेटी के सदस्य मुकेश मिश्रा को प्रति माह 1 लाख रुपए का मानदेय दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी का एक कार्यालय मथुरा में होगा, जिसके लिए जिला प्रशासन को बिना किसी शुल्क के उपयुक्त स्थान प्रदान करने का निर्देश दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि हमें इस बात का दुख है कि प्रशासनिक गतिरोध और सेवायतों के बीच संघर्ष के कारण मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को पिछले वर्षों में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। अदालत ने कहा कि इस मंदिर को सैकड़ों करोड़ का दान मिल रहा है, फिर भी श्रद्धालुओं को आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रबंधन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। सेवायतों के बीच आपसी टकराव और अदालती लड़ाइयों ने भी प्रशासनिक स्तर पर समस्या उत्पन्न की है।