क्या 'आई लव मुहम्मद' बनाम 'आई लव महाकाल' विवाद की कोई आवश्यकता है? स्वामी प्रसाद मौर्य का बयान

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क्या 'आई लव मुहम्मद' बनाम 'आई लव महाकाल' विवाद की कोई आवश्यकता है? स्वामी प्रसाद मौर्य का बयान

सारांश

स्वामी प्रसाद मौर्य ने 'आई लव मुहम्मद' और 'आई लव महाकाल' विवाद को अनावश्यक बताया है। उनका कहना है कि यह मुद्दा फालतू है और हमें एक साथ मिलकर रहना चाहिए। जानिए उनके विचारों के पीछे की सच्चाई।

Key Takeaways

  • एकता का महत्व
  • जातिवाद का समाप्त होना चाहिए
  • सरकार को फैसले लेने की आवश्यकता है
  • साधु संतों का योगदान
  • समाज में भेदभाव खत्म होना चाहिए

लखनऊ, 26 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। 'आई लव मुहम्मद' और 'आई लव महाकाल' के बीच चल रहे विवाद को लेकर 'अपनी जनता पार्टी' के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने इसे अनावश्यक बताया और कहा कि इसे फालतू का मुद्दा बना दिया गया है।

स्वामी प्रसाद मौर्य ने राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा, "'आई लव महादेव' के पोस्टर लगाकर लोगों ने इस बात को स्वीकार किया है कि 'आई लव मुहम्मद' का जो नारा था वह बिल्कुल सही था। साधु संतों ने भी इस दिशा में कदम बढ़ाया है। साधु संतों द्वारा लगाए गए पोस्टर ने इस सत्य को प्रमाणित किया है। इसलिए 'आई लव मुहम्मद' पर बहस की कोई आवश्यकता नहीं।"

उन्होंने कहा कि हम एक हैं; सभी को मिलकर रहना चाहिए। एक-दूसरे की देखा-देखी प्रतिक्रिया नहीं करनी चाहिए।

लेह में पूर्ण राज्य की मांग को लेकर हो रहे प्रदर्शनों पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, "आज लेह के लोग किसी न किसी तरह से उपेक्षित महसूस कर रहे होंगे। उन्हें शायद वे सुविधाएं नहीं मिल रही होंगी जो उन्हें मिलनी चाहिए या वे सरकार के मनमाने फैसलों का शिकार हो रहे होंगे। उनके साथ सौतेला व्यवहार हुआ है, जिसके कारण आज लेह में यह घटना हो रही है।"

उन्होंने कहा कि सरकार को इस मामले पर जल्द से जल्द कुछ फैसला करना चाहिए, ताकि वहां की समस्याओं का समाधान किया जा सके।

उत्तर प्रदेश में लागू हुए जातिगत फैसले पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि शासनादेश जारी करने से जातिवाद का भेदभाव खत्म नहीं होगा। जातिवाद और भेदभाव करना देश के लिए कैंसर जैसी बीमारी है, इसे पूरी तरह से समाप्त करना चाहिए। जिन धर्म ग्रंथों और साहित्य में जातिवाद और भेदभाव का जिक्र है, वहीं से इसे समाप्त करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि देश का विकास तभी होगा जब सभी लोग एक साथ मिलकर रहेंगे। आज के समय में सभी को बढ़ावा देना चाहिए। बेटों और बेटियों में भी भेदभाव खत्म होना चाहिए।

Point of View

समाज में एकता और सहिष्णुता का होना आवश्यक है। विवादों से बचकर हमें एकजुट होकर चलना चाहिए। यह दृष्टिकोण न केवल समाज के लिए बल्कि देश के लिए भी महत्वपूर्ण है।
NationPress
26/09/2025

Frequently Asked Questions

स्वामी प्रसाद मौर्य ने विवाद को क्यों अनावश्यक बताया?
स्वामी प्रसाद मौर्य का मानना है कि यह मुद्दा फालतू का है और इसे बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए।
लेह में प्रदर्शन का कारण क्या है?
लेह के लोग उपेक्षित महसूस कर रहे हैं और उन्हें उचित सुविधाएं नहीं मिल रही हैं।