क्या कश्मीर घाटी में तापमान में सुधार हो रहा है, गुलमर्ग में पारा -2 डिग्री है?

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क्या कश्मीर घाटी में तापमान में सुधार हो रहा है, गुलमर्ग में पारा -2 डिग्री है?

सारांश

कश्मीर घाटी में मौसम में सुधार देखने को मिला है, लेकिन आने वाले दिनों में बर्फबारी का खतरा बना हुआ है। क्या ये बर्फबारी नए साल की शाम को घाटी में जश्न का मौका देगी?

Key Takeaways

  • गुलमर्ग में तापमान -2 डिग्री सेल्सियस है।
  • कश्मीर घाटी में तापमान में सुधार हुआ है।
  • 31 दिसंबर से बर्फबारी की संभावना है।
  • चिल्लई कलां का दौर 21 दिसंबर से शुरू हुआ।
  • स्थानीय लोग बर्फबारी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

कश्मीर, 29 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कश्मीर घाटी में मौसम के संबंध में अच्छी खबर आई है। गुलमर्ग को छोड़कर पूरी घाटी में रात के तापमान में सुधार हुआ है। जबकि, अगले कुछ दिनों में मौसम एक बार फिर बदल सकता है, क्योंकि मौसम विभाग ने 31 दिसंबर से नई बर्फबारी की संभावना जताई है। इस वजह से ठंड की स्थिति बढ़ने की आशंका है।

जानकारी के अनुसार, श्रीनगर में रात का न्यूनतम तापमान 3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। इस तापमान में वृद्धि से लोगों को कुछ राहत मिली है। दूसरी ओर, गुलमर्ग में कड़ाके की ठंड का प्रभाव अभी भी बना हुआ है, जहां रात का तापमान माइनस 2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है। इससे क्षेत्र में ठंड की स्थिति बरकरार है।

रविवार को श्रीनगर में न्यूनतम तापमान 0.8 डिग्री सेल्सियस, गुलमर्ग में माइनस 2.2 और पहलगाम में माइनस 1.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, जम्मू में न्यूनतम तापमान 8.1 डिग्री सेल्सियस, कटरा में 8.2, बटोटे में 6.9, बनिहाल में 4.5 और भद्रवाह में 1.6 डिग्री सेल्सियस रहा।

मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, सोमवार तक बादल छाए रहने की संभावना है। विभाग के अनुसार, 30 दिसंबर से 1 जनवरी के बीच हल्की बारिश और बर्फबारी की संभावना है। 31 दिसंबर और 1 जनवरी को कई स्थानों पर हल्की बारिश/बर्फबारी और कश्मीर घाटी के मध्य और उत्तरी हिस्सों में मध्यम बर्फबारी होने की उम्मीद है।

स्थानीय रूप से 'चिल्लई कलां' के नाम से जाना जाने वाला 40 दिनों का ठंड का यह दौर 21 दिसंबर से शुरू हुआ है और 30 जनवरी तक चलेगा। चिल्लई कलां के दौरान होने वाली भारी बर्फबारी ही जम्मू-कश्मीर के पहाड़ों में बारहमासी जलाशयों को भरती है। ये जलाशय गर्मियों में कई नदियों, झरनों और झीलों को जल प्रदान करते हैं। चिल्लई कलां में बर्फबारी न होना एक गंभीर मुद्दा है, क्योंकि यह गर्मियों में सूखे का संकेत देता है।

इसलिए, लोग बर्फबारी का इंतजार कर रहे हैं। नए साल की शाम मनाने के लिए लोग घाटी में पहुंच रहे हैं, जिससे श्रीनगर, गुलमर्ग और पहलगाम के सभी होटल पूरी तरह से बुक हो चुके हैं। लोग अपनी छुट्टियों को यादगार बनाने के लिए नए साल की शाम को अच्छी बर्फबारी के लिए उत्सुक हैं।

कश्मीर के बुजुर्ग आज भी चिल्लई कलां की लंबी रातों को याद करते हैं, जब वे सुबह उठकर बाहर भारी बर्फबारी का दृश्य देखते थे। छतों के किनारों से लटकती बर्फ की बूंदें इंद्रधनुषी नजारा बनाती थीं, क्योंकि सूरज की रोशनी उन पर गिरकर अलग-अलग रंगों में बंट जाती थी। उन दिनों भारी बर्फबारी से सड़कें कई दिनों तक बंद रहती थीं, और स्थानीय लोग अपने घरों में उगाई गई सब्जियों, मुर्गियों के अंडों और गाय के दूध पर निर्भर रहते थे।

Point of View

लेकिन मौसम विभाग की चेतावनी हमें सतर्क रहने की आवश्यकता को बताती है। बर्फबारी के दौरान स्थानीय जीवन पर इसका प्रभाव पड़ता है, और यह भविष्य की जलस्रोतों के लिए भी महत्वपूर्ण है।
NationPress
29/12/2025

Frequently Asked Questions

कश्मीर में वर्तमान तापमान क्या है?
गुलमर्ग में -2 डिग्री सेल्सियस और श्रीनगर में 3 डिग्री सेल्सियस तक तापमान पहुंच गया है।
क्या कश्मीर में बर्फबारी होगी?
मौसम विभाग ने 31 दिसंबर से ताजा बर्फबारी की संभावना जताई है।
चिल्लई कलां क्या है?
चिल्लई कलां कड़ाके की ठंड का 40 दिनों का दौर है, जो 21 दिसंबर से शुरू होता है।
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