क्या टीएमसी कार्यालय पर हमले के बाद पश्चिम बंगाल से प्रतिनिधिमंडल रवाना हुआ?

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क्या टीएमसी कार्यालय पर हमले के बाद पश्चिम बंगाल से प्रतिनिधिमंडल रवाना हुआ?

सारांश

पश्चिम बंगाल से एक प्रतिनिधिमंडल त्रिपुरा में टीएमसी कार्यालय पर हमले के बाद अगरतला पहुंचा। टीएमसी नेताओं ने इसे भाजपा की हिंसा का परिणाम बताया। कुणाल घोष ने कहा कि वे अपने राजनीतिक कर्तव्यों से पीछे नहीं हटेंगे। इस मुद्दे पर विस्तृत जानकारी के लिए पढ़ें।

Key Takeaways

  • टीएमसी कार्यालय पर हमले की घटना की निंदा की गई।
  • प्रतिनिधिमंडल का उद्देश्य स्थिति का जायजा लेना है।
  • कुणाल घोष ने भाजपा की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं।
  • टीएमसी ने अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है।
  • सोशल मीडिया पर मिली धमकियों का जिक्र किया गया।

अगरतला, 8 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। त्रिपुरा में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के राज्य कार्यालय पर हुई कथित तोड़फोड़ की घटना के बाद पश्चिम बंगाल से एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार सुबह कोलकाता से अगरतला पहुंचा। टीएमसी नेताओं ने इसे भाजपा की "हिंसा की संस्कृति" करार दिया है।

प्रतिनिधिमंडल में सांसद प्रतिमा मंडल, सुष्मिता देव, सायानी घोष, पश्चिम बंगाल की मंत्री बीरभाह हंसदा, तथा पार्टी नेता कुणाल घोष और सुदिप राहा शामिल हैं। दो दिनों की यात्रा में सांसद पार्टी कार्यालय का जायजा लेंगे, सहकर्मियों से मिलेंगे और राज्य प्रशासन से बात करेंगे।

वहीं, टीएमसी नेता कुणाल घोष ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उत्तर बंगाल में हुई घटना से टीएमसी का कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा, "यह भाजपा को खुद विश्लेषण करना चाहिए कि उसके सांसद, विधायक और जनता उनसे नाराज क्यों हैं।" उन्होंने आगे कहा, "उन्हें रोजाना 100 रुपये की सहायता देना बंद करना होगा, अब्बास सिद्दीकी जैसे लोगों को पैसे देना बंद करना होगा।" जनता इन सब से तंग आ चुकी है। लेकिन, जो उनके साथ हुआ, हम उसका समर्थन नहीं करते। हम इसकी निंदा करते हैं। ममता बनर्जी खगेन बाबू से मिलने गई थीं और उन्होंने भी निंदा की।

कुणाल घोष ने अगरतला में टीएमसी कार्यालय पर हमले का जिक्र करते हुए कहा कि घटना के दौरान पुलिस खड़ी होकर देखती रही। उन्होंने कहा, "हमारी पार्टी, ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी ने एक टीम भेजने का फैसला किया है।" हम पार्टी कार्यालय, सहकर्मियों और नेताओं के साथ वहां जा रहे हैं।

एक सवाल पर उन्होंने कहा, "हम भाजपा शासित राज्य के खिलाफ जा रहे हैं। वहां कानून-व्यवस्था ठीक नहीं है। हमारे पास वीडियो सबूत हैं।" उन्होंने कहा, "अगर आप देखना चाहें, तो हमारे साथ आइए। वहां भाजपा की हालत देखिए, यह किसी दक्षिण भारतीय फिल्म जैसा है।"

घोष ने अपनी सुरक्षा पर चिंता जताते हुए कहा, "मैं आज पैदल जा रहा हूं। शायद मेरी लाश ही वापस आए। लेकिन, हम अपने राजनीतिक कर्तव्यों से पीछे नहीं हटेंगे।" प्रतिनिधिमंडल जा रहा है। सुरक्षा उनके हाथ में है। यह उनका राज्य और पुलिस है।

टीएमसी सायानी घोष ने कहा, "हमने देखा कि कैसे टीएमसी कार्यालय में तोड़फोड़ की गई।" नागराकाटा की घटना में टीएमसी कार्यकर्ताओं या नेताओं की कोई भागीदारी नहीं थी। यह स्वतःस्फूर्त भीड़ थी।

उन्होंने कहा, "बदला लेने के लिए अगर भाजपा सोचती है कि त्रिपुरा में हमारे कार्यालय को गिराकर पश्चिम बंगाल चुनावों में फायदा होगा या टीएमसी नेतृत्व को डराएंगे, तो यह गलत है।" हम आज वहां जा रहे हैं।

उन्होंने प्रतिनिधिमंडल का जिक्र करते हुए कहा, "हमारे साथ वरिष्ठ सांसद प्रतिमा मंडल, कुणाल घोष, युवा नेता सुदिप राहा, राज्य मंत्री बीरभाह और मैं हूं।" जाने से पहले सोशल मीडिया पर धमकियां मिलीं। उम्मीद है कि त्रिपुरा पुलिस या भाजपा सरकार संज्ञान लेगी।

Point of View

बल्कि आम जनता की सुरक्षा भी प्रभावित होती है। ऐसे में सरकार और प्रशासन को कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।
NationPress
08/10/2025

Frequently Asked Questions

टीएमसी प्रतिनिधिमंडल का उद्देश्य क्या है?
टीएमसी प्रतिनिधिमंडल त्रिपुरा में पार्टी कार्यालय पर हुए हमले की स्थिति का जायजा लेने और संबंधित अधिकारियों से वार्ता करने के लिए गया है।
कुणाल घोष ने क्या कहा?
कुणाल घोष ने कहा कि पार्टी अपने राजनीतिक कर्तव्यों से पीछे नहीं हटेगी और भाजपा के खिलाफ अपनी आवाज उठाएगी।
क्या टीएमसी नेताओं का किसी घटना से संबंध है?
टीएमसी नेताओं ने स्पष्ट किया है कि नागराकाटा की घटना में पार्टी कार्यकर्ताओं की कोई भागीदारी नहीं थी।