क्या कल्याण सिंह बब्बर शेर थे जिन्होंने रामभक्तों का संरक्षण किया? : उमा भारती

सारांश
Key Takeaways
- उमा भारती ने लोधी समाज के योगदान को सराहा।
- जातिगत राजनीति पर चिंता व्यक्त की गई।
- राम मंदिर आंदोलन का संदर्भ दिया गया।
- लोधी समाज ने भाजपा को समर्थन दिया है।
- वीरांगना अवंतीबाई लोधी की महत्ता को उजागर किया गया।
बरेली, 16 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने शनिवार को बरेली के आंवला में वीरांगना अवंतीबाई लोधी की जयंती पर उनकी भव्य प्रतिमा का अनावरण किया। उन्होंने कहा कि मैं रास्ते से आ रही थी, यहां शाहजहांपुर नाम का जिला मिला, यह नाम मुझे अच्छा नहीं लगता, योगी जी से अनुरोध है कि इसके लिए कोई नया नाम प्रस्तावित करें।
उमा भारती ने कहा कि लोधी समाज ने भाजपा को मंच दिया, जिससे भाजपा का विस्तार संभव हुआ। इस पार्टी ने लोधी समाज का सम्मान किया, तो लोधियों ने भी भाजपा का मान रखा। लोधियों को ना चापलूसी आती है और ना साजिश। हाल ही में हमने मथुरा और काशी के लिए कोर्ट में अर्जी दी है, सुनवाई हो रही है। हम कोर्ट के आदेश का पालन करेंगे।
उन्होंने कहा कि हमारे इष्ट के जन्मस्थान के लिए प्रमाण मांगा जा रहा है, जबकि वेटिकन सिटी दुनिया भर में ईसाइयों का प्रमुख धार्मिक स्थल है। बाबरी राष्ट्रीय अपमान का विषय थी, मीर बाकी ने हमारी विरासत पर चोट की। हमने राष्ट्रीय अस्मिता को बचाने के लिए भव्य मंदिर का निर्माण किया।
उमा भारती ने कहा कि कल्याण सिंह बब्बर शेर थे, जिन्होंने रामभक्तों का संरक्षण किया और अपनी सत्ता की चिंता नहीं की। जाति के नाम पर हिंदू समाज को बांटने का षड्यंत्र चल रहा है। हमें इन चक्करों में नहीं पड़ना है। हिंदू समाज को मजबूत करने के लिए पिछड़ों और दलितों को आगे आना होगा।
केंद्रीय राज्यमंत्री बीएल वर्मा ने कहा कि वीरांगना अवंतीबाई लोधी बचपन से ही तलवार से खेली। उन्होंने राज्य और लोगों के लिए अपनी आखिरी सांस तक लड़ाई लड़ी। लोधी समाज मेहनतकश है। इतिहासकारों ने अवंतीबाई लोधी और हमारे शहीदों के साथ अन्याय किया है।
कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि वीरांगना अवंतीबाई लोधी की जयंती पर उनकी भव्य प्रतिमा का अनावरण किया जा रहा है। यह क्षेत्रवासियों के लिए गर्व का विषय है। लोधी समाज ने देश की राजनीति को नई दिशा दी है।
सांसद एवं अखिल भारतीय लोधी राजपूत कल्याण महासभा के अध्यक्ष साक्षी महाराज ने कहा कि राम मंदिर आंदोलन की भूमिका कल्याण सिंह और उमा भारती के नेतृत्व में बनी। उनके प्रयासों से आज भव्य मंदिर बन रहा है।