क्या वीडी सतीशन ने थॉमस इसाक को भेजे ईडी नोटिस को राजनीतिक स्टंट बताया?
सारांश
Key Takeaways
- वीडी सतीशन ने भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं।
- ईडी नोटिस को एक राजनीतिक स्टंट कहा गया है।
- सरकार ने उच्च ब्याज दर पर उधार लेने का निर्णय लिया।
- संविधान के आर्टिकल 293(1) का उल्लंघन हुआ है।
- लंदन स्टॉक एक्सचेंज की सेरेमनी को पीआर ड्रामा बताया गया।
कोल्लम, १ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केरल के विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने सोमवार को राज्य सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि केरल इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट फंड बोर्ड (केआईआईएफबी) द्वारा मसाला बॉन्ड लेनदेन में गंभीर भ्रष्टाचार, संवैधानिक उल्लंघन और वित्तीय अनियमितता के आरोप लगाए हैं।
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और पूर्व वित्त मंत्री थॉमस इसाक को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जारी नोटिस को वीडी सतीशन ने स्थानीय निकाय चुनावों से पहले सीपीआई-एम को डराने के लिए एक राजनीतिक कदम कहा।
उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया था कि उसने अंतरराष्ट्रीय बाजारों से ९.७ प्रतिशत की भारी ब्याज दर पर २,१५० करोड़ रुपए उधार लिए, जिसके परिणामस्वरूप केवल पांच वर्षों में कुल ३,१९५ करोड़ रुपए चुकाने पड़े। इससे १,०४५ करोड़ रुपए का ब्याज का भार बढ़ गया।
वीडी सतीशन ने कहा कि यह सामान्य नहीं है। लगभग आधा मूलधन ब्याज में चला गया। राज्य की संप्रभु गारंटी का उपयोग करने के बजाय, जिससे बमुश्किल १.५ प्रतिशत ब्याज पर फंडिंग मिल सकती थी, सरकार ने अत्यधिक ब्याज दर का विकल्प चुना।
उन्होंने आरोप लगाया कि इस डील ने संविधान के आर्टिकल २९३(१) का उल्लंघन किया और इसमें एसएनसी-लवलिन से जुड़ी एक फर्म सीडीपीक्यू शामिल थी।
उन्होंने कहा कि लंदन स्टॉक एक्सचेंज की बहुत लोकप्रिय ‘बेल-रिंगिंग सेरेमनी’ केवल एक पीआर ड्रामा थी। इस सेरेमनी में मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को घंटी बजाने वाले पहले सीएम के तौर पर प्रदर्शित किया गया था, जबकि उन्होंने मुख्यमंत्री के तौर पर नहीं, बल्कि केआईआईएफबी चेयरमैन के तौर पर घंटी बजाई। ऐसी सेरेमनी किसी भी जारीकर्ता के लिए सामान्य होती है। इस प्रचार के पीछे भ्रष्टाचार है।
विपक्ष के नेता ने ईडी नोटिस के समय की आलोचना की और कहा कि त्रिशूर संसदीय चुनावों से पहले करुवन्नूर बैंक केस के दौरान भी इसी तरह की रणनीति अपनाई गई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्रीय एजेंसियां अन्य राज्यों के विपरीत केरल में जांच को तार्किक अंत तक नहीं ले जातीं। वे सिर्फ डर पैदा करने के लिए नोटिस भेजती हैं।
सतीशन ने कहा कि थॉमस इसाक पर आरोप लगाया कि वह यह कहकर ज़िम्मेदारी से बच रहे हैं कि यह निर्णय केआईआईएफबी का था।
उन्होंने यह भी कहा कि टैक्स और सेस से एकत्र किए गए सरकारी पैसे का इस्तेमाल अधिक ब्याज चुकाने में किया गया। राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ और कहा कि केरल के लोगों का बदलती बातों से मजाक नहीं उड़ाना चाहिए।